लखनऊ: बिहार विधानसभा चुनाव अपने चरम पर है. सभी पार्टियों ने जहां एक ओर कमर कस ली है वहीं चुनाव के पहले महागंठबंधन को जोरदार झटका समाजवादी पार्टी ने दिया है. आज समाजवादी पार्टी ने सितंबर-अक्टूबर में संभावित विधानसभा चुनाव के पहले बिहार में अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा की है. जानकारों की माने तो बिहार में पांच सीटें दिये जाने को लेकर सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव नाराज चल रहे थे.
इस मुद्दे को लेकर सपा ने आज लखनऊ में बैठक बुलायी थी. इस बैठक में सपा प्रमुख मुलायम सिंह समेत पार्टी के अन्य बड़े नेता मौजूद हुए. इस बैठक में बिहार चुनाव पर चर्चा के बाद सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा कि बिहार में सपा महागंठबंधन से अलग चुनाव लड़ेगी.
जानकारों की माने तो मुलायम सिंह यादव ने दुविधा के कारण यह फैसला लिया है. इसके कई कारण हो सकते हैं. इसमें प्रमुख कारण यह हो सकते हैं. सपा का मानना है कि यदि पार्टी पांच सीटों पर चुनाव लड़ेगी तो इससे उसका कद घटेगा. पार्टी नेताओं का मानना है कि पांच सीटों पर लड़ने से सपा की छवि को धक्का लगेगा क्योंकि सपा यूपी की सबसे बड़ी पार्टी है. यही नहीं अगर पार्टी चुनाव लड़ती हैं तो जीत की उम्मीद भी कम है. सपा का बिहार में जनाधार केवल नाम मात्र है. इसलिए पार्टी को कदम फूंक-फूंक कर रखना होगा. सपा के विचारकों का मानना है कि अगर सरकार को बाहर से समर्थन दिया जाये तो इससे पार्टी की छवि और गठबंधन दोनों बचे रहेंगे.
आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव की सभी प्रशासनिक तैयारी पूरी कर ली गयी है. आयोग चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा चार सितंबर को कर सकता है. ऐसे में गंठबंधन से सपा का अलग होना जदयू और राजद के लिए बड़ा झटका है.