सुप्रीम कोर्ट ने उत्तरप्रदेश सरकार से पूछा, क्या हाइकोर्ट के जज आपके नौकर हैं?

नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि क्या उत्तर प्रदेश में कोई नियम-कानून नहीं है. शीर्ष अदालत ने पूछा है कि क्या हाइकोर्ट के जज राज्य सरकार के नौकर हैं? न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति यूयू ललित की सामाजिक न्याय पीठ ने यह टिप्पणी उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा दाखिल हलफनामे पर गौर करने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 12, 2015 1:46 PM
नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि क्या उत्तर प्रदेश में कोई नियम-कानून नहीं है. शीर्ष अदालत ने पूछा है कि क्या हाइकोर्ट के जज राज्य सरकार के नौकर हैं? न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति यूयू ललित की सामाजिक न्याय पीठ ने यह टिप्पणी उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा दाखिल हलफनामे पर गौर करने के बाद की है.
सुप्रीम कोर्ट ने यह सवाल उस हलफनामे पर उठाया, जिसमें उत्तरप्रदेश सरकार ने हलफनामा दाखिल कर कहा था कि वह राज्य सलाहकार समिति का गठन नहीं कर सकती है, क्योंकि इलहाबाद हाइकोर्ट ने इससे संबंधित एक कमेटी का गठन कर लिया है.
दरअसल, गुमशुदा बच्चों के मामलों के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को राज्य सलाहकार समिति का गठन करने का आदेश दिया था. इसी पर यूपी सरकार ने हलफनामा दाखिल किया था.
उत्तरप्रदेश सरकार का यह हलफनामा सुप्रीम कोर्ट की सामाजिक न्याय पीठ को नागवार गुजरा. इस पर पीठ ने सवाल उठाया कि अगर हाइकोर्ट ने कमेटी का गठन कर लिया है, तो आप कुछ नहीं करेंगे, तो क्या आप उम्मीद करते हैं कि हाइकोर्ट के जज आपके नौकर बन जायें. पीठ ने पूछा कि क्या हाइकोर्ट के जज आपके नौकर बन जाएं. अदालत के इस रुख पर उत्तरप्रदेश के सहायक महाधिवक्ता गौरव भटिया ने गलती स्वीकार कर ली. भाटिया ने पीठ से कहा कि उत्तरप्रदेश सरकार एक हफ्ते में अपनी गलती सुधार लेगा.

Next Article

Exit mobile version