एनआरएचम घोटाले की जांच में आयी तेजी, ईडी ने लखनऊ और दिल्ली में जब्त की 196 करोड़ की संपत्ति

लखनऊ :राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) योजना में हुए घोटाले की जांच में कई अधिकारी समेत उत्तर प्रदेश के कई दिग्गज नेता फंसे हैं. आज प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली और लखनऊ में 196 करोड़ की संपत्ति जब्त की है. सीबीआई इस संबंध में उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायवाती से भी पूछताछ की तैयारी कर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 23, 2015 6:34 PM
लखनऊ :राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) योजना में हुए घोटाले की जांच में कई अधिकारी समेत उत्तर प्रदेश के कई दिग्गज नेता फंसे हैं. आज प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली और लखनऊ में 196 करोड़ की संपत्ति जब्त की है. सीबीआई इस संबंध में उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायवाती से भी पूछताछ की तैयारी कर रही है. सूत्रों की मानें तो जांच एजेंसी आईएएस प्रदीप शुक्ला और पूर्व कैबिनेट मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा के खिलाफ चार्जशीट अदालत में पेश करने की तैयारी में है. इस मामले में अब जांच तेजी से आगे बढ़ने की संभावना है. हालांकि तेज होती जांच प्रकिया पर मायावती ने सवाल खड़ा करते हुए कहा था कि केंद्र सरकार सीबीआई का दुरूपयोग करके उन्हें परेशान कर रही है.
केंद्र सरकार के राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) योजना के तहत उत्तर प्रदेश को छह साल में 8657.35 करोड़ रुपये मिले, लेकिन अधिकारियों व चिकित्सकों ने इसमें पांच हजार करोड़ रुपये का घोटाला हुआ था. इसका खुलासा नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में हुआ जिसके बाद हंगामा शुरू हो गया भ्रष्टाचारियों को गिरफ्तार करने की मांग भी तेज होने लगी थी.
कैग की रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल 2005 से मार्च 2011 तक एनआरएचएम में लोगों की सेहत सुधार के लिए 8657.35 करोड़ रुपये मिले, जिसमें से 4938 करोड़ रुपये नियमों की अनदेखी कर खर्च किए गए. करीब तीन सौ पेज की रिपोर्ट में लिखा गया है कि एनआरएचएम में 1085 करोड़ रुपये का भुगतान बिना किसी के हस्ताक्षर ही कर दिया गया.

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