नयी दिल्ली / पटना : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज कहा कि चिर प्रतिद्वंद्वी बसपा सहित किसी भी दल के साथ राज्य में गठबंधन करने के बारे में कोई भी फैसला समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव द्वारा किया जाएगा. एक दिन पहले ही अखिलेश ने राज्य में बिहार के समान मोर्चा की संभावना व्यक्त की थी. उन्होंने कहा थाकि राज्य में एक महागंठबंधन संभव है. उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर में कल की गयी उनकी टिप्पणी के बारे में पूछे गए विभिन्न सवालों के जवाब में अखिलेश ने कहा कि नेताजी मुलायम सिंह यादव गंठबंधन के बारे में फैसला करेंगे. मैं कैसे फैसला कर सकता हूं?’
यह सवाल किए जाने पर कि क्या महागठबंधन संबंधी उनके विचार में मायावती नीत बहुजन समाजवादी पार्टी शामिल है, उन्होंने कहा कि गठबंधन के संबंध में कोई भी फैसला सपा के राष्ट्रीय संसदीय बोर्ड और मुलायम सिंह द्वारा किया जाएगा. चिर प्रतिद्वंद्वी दलों राजद और जदयू के बीच बिहार में गंठबंधन होने की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा के आपस में हाथ मिलाने की संभावना के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में अखिलेश ने कहा कि सपा और बसपा के बीच के संबंध राजद और जदयू के बीच के संबंध से अलग हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि बसपा प्रमुख मायावती अन्य लोगों के लिए ‘‘बहनजी’ हैं लेकिन उनके लिए वह ‘‘बुआ’ हैं. अखिलेश ने कहा कि ऐसे समय जब वह राज्य के विकास के लिए काफी काम कर रहे हैं, लोगों की उन पर नजर होगी जो उत्तर प्रदेश में गंठबंधन चाहते हैं. उन्होंने कहाकि हमें भी यह नजर रखनी होगी कि क्या बसपा और भाजपा राजनीतिक गठबंधन पर जोर दे रहे हैं, हमें हर जगह नजर रखनी होगी. अखिलेश ने इस सवाल का जवाब देने से परहेज किया कि क्या नीतीश कुमार कैबिनेट के शपथ ग्रहण समारोह में वह और उनके पिता पटना जा रहे हैं. उन्होंने इस सवाल का भी जवाब नहीं दिया कि मुलायम के जन्म दिन पर 22 नवंबर को सैफई में आयोजित कार्यक्रम में क्या राजद प्रमुख लालू प्रसाद और नीतीश कुमार शामिल होंगे.
समाचार पत्रों की खबरों का जिक्र करते हुए अखिलेश ने कहा कि वह खुद ही ‘‘भ्रमित’ हैं कि उन्होंने उत्तर प्रदेश में महागठबंधन की संभावना के बारे में कल वास्तव में क्या कहा था. उन्होंने कहाकि मैंने क्या कहा है, इस पर हर अखबार में एक अलग खबर है. आप मुझे बताइए कि क्या कहना है और मैं वही कहूंगा.अगर मैं चुप भी रहूं तो भी आप कुछ न कुछ लिखेंगे. मैंने गठबंधन या महागठबंधन के बारे में कुछ नहीं कहा लेकिन आपने खबरें प्रकाशित कीं.आप नहीं जानते कि किसी बातचीत का कौन सा हिस्सा प्रकाशित करना होगा और किस तरीके से. सपा प्रमुख मुलायम ने पिछडे वर्गों के दो दिग्गज नेताओं लालू प्रसाद और नीतीश कुमार के बीच समझौते में अहम भूमिका निभायी थी और दोनों ने 2015 का बिहार विधानसभा चुनाव साथ लडने का फैसला किया था. दोनों नेता कभी साथ होते थे और बाद में प्रतिद्वंद्वी बन गए थे. बाद में सपा चुनाव में दी गयी सीटों की संख्या को लेकर महागठबंधन से अलग हो गयी.