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कानपुर पुलिस ने हटाए बलवाईयों के पोस्टर

कानपुर : दो दिन पहले पुलिस प्रशासन द्वारा मोहर्रम में बवाल करनेे वालों की फोटो के शहर के विभिन्न इलाकों में लगाये गये होर्डिंगसे हटा दिये गये हैं. भाजपा नेताओं ने इन होर्डिंग के विरोध में धरना प्रदर्शन किया था और बडे आंदोलन की चेतावनी दी थी. कानपुर पुलिस के एसएसपी शलभ माथुर ने यह […]

कानपुर : दो दिन पहले पुलिस प्रशासन द्वारा मोहर्रम में बवाल करनेे वालों की फोटो के शहर के विभिन्न इलाकों में लगाये गये होर्डिंगसे हटा दिये गये हैं. भाजपा नेताओं ने इन होर्डिंग के विरोध में धरना प्रदर्शन किया था और बडे आंदोलन की चेतावनी दी थी. कानपुर पुलिस के एसएसपी शलभ माथुर ने यह तो नहीं कहा कि यह होर्डिंग भाजपा नेताओं के विरोध के कारण हटाये गये है लेकिन यह जरुर कहा कि जनता के दबाव में होर्डिंग हटा दिये गये है लेकिन होर्डिंग में जिन तीस बलवाइयों की फोटो लगायी गयी थी उनकी तलाश पुलिस जोर शोर से कर रही है और उन्हें बख्शा नहीं जायेगा.

गौरतलब है कि 21 दिसंबर को करीब दो महीने पहले मोहर्रम के जुलूस के दिन शहर में बवाल और पथराव कर शहर का माहौल बिगाडने वाले फरार चल रहे तीस 30 बलवाइयों के फोटो की होर्डिंग पुलिस प्रशासन ने शहर के फजलगंज में कई स्थानों पर लगाई थी. सडक किनारे लगे इस बडे़-बडे़ होर्डिंग में बलवा करने वाले लोगों के फोटो और नाम भी लिखे हैं और इनके बारे में जानकारी देने वाले नागरिको को इनाम देने की भी घोषणा की गयी थी. इसके विरोध में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने शहर के विभिन्न इलाको में धरना प्रदर्शन कर सडक जाम की थी.

भाजपा विधायकों सत्यदेव पचौरी और रघुनंदन भाटिया ने पुलिस प्रशासन को चेतावनी दी थी कि अगर यह होर्डिंगजल्द से जल्द नही हटाये गये तो वह एक बडा आंदोलन करेंगे क्योंकि इन होर्डिंग में कई बेकसूर और एक ही समुदाय के लोगो को निशाना बनाया गया है. इस पर एसएसपी माथुर ने कहा था कि यह तीस लोग शहर में मोहर्रम के दिन बलवा करने के आरोपी है और इनमें केवल एक समुदाय के लोग ही नही शामिल है बल्कि सभी समुदायों के लोग शामिल है. पुलिस प्रशासन ने केवल होर्डिंग हटाये हैं लेकिन इन तीस फरार बवालियों की तलाश जारी रहेगी.

गौरतलब है कि 24 अक्टूबर को मोहर्रम के दिन फजलगंज के भन्नानपुरवा में एक समुदाय का धार्मिक पोस्टर फटने के बाद मुहर्रम का ताजिया नही निकलने देने पर दोनो पक्षों में संघर्ष हो गया था जिसके चलते चार पुलिस स्टेशनों के एक दर्जन इलाकों में उग्र भीड़ द्वारा गोली चलाई गयी, पथराव किया गया तथा देशी तमंचों से पुलिस पर गोलिया भी चलाई गयी. भीड़ की गोली से दो पुलिस इंस्पेक्टर घायल हुये थे.

इस विवाद में शहर के चमनगंज पुलिस स्टेशन में 1000 अज्ञात, फजलगंज पुलिस स्टेशन में 600 अज्ञात, सीसामउ पुलिस स्टेशन में 800 अज्ञात तथा नौबस्ता पुलिस स्टेशन में 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया था. माथुर ने बताया था कि इस मामले पर 34 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है तथा इनमें से दस के खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई की गयी है. यह तीस लोग बवाल करने के मुख्य आरोपी थे. उधर भाजपा नेताओं का कहना है कि होर्डिग हटा लिये गये इस लिये अब कोई आंदोलन नही होगा. हमारा कहना था कि निर्दोष लोगो को होर्डिंग लगा कर बदनाम न किया जायें.

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