गृह मंत्री ने कहा जांच एजेंसी को अपनानी होगी अत्याधुनिक तकनीक
लखनऊ : केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आतंकवाद, उग्रवाद और माओवाद को देश के लिए चुनौती बताते हुए इनसे निपटने में लगी जांच एजेंसियों को अत्याधुनिक तकनीक से लैस किये जाने की जरुरत पर बल दिया है. सिंह ने आज यहां राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के लखनऊ शाखा भवन के शिलान्यास के मौके पर […]
लखनऊ : केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आतंकवाद, उग्रवाद और माओवाद को देश के लिए चुनौती बताते हुए इनसे निपटने में लगी जांच एजेंसियों को अत्याधुनिक तकनीक से लैस किये जाने की जरुरत पर बल दिया है. सिंह ने आज यहां राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के लखनऊ शाखा भवन के शिलान्यास के मौके पर कहा ‘‘तफ्तीश और जांच का काम अब पुराने तरीके से नहीं चल सकता, अपराधी उच्च तकनीक से लैस हैं और ऐसे में जांच एजेंसियों को भी अत्याधुनिक तकनीक अपनानी होगी”
उन्होंने कहा, ‘‘इतने कम समय में एनआईए ने जिस तरह से काम किया है, उससे भारत के लोग ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया मानने लगी है कि एनआईए पेशेवर, निष्पक्ष और विश्वसनीय तरीके से काम करने वाली बेहतरीन एजेंसी है.” गृह मंत्री ने एनआईए की उपलब्धियों की तारीफ करते हुए कहा, कि इस एजेंसी द्वारा पिछले छह साल में जांचे गये 112 मामलों में से 92 प्रतिशत में आरोपियों को सजा हुई आज के समय में मैं इसे 100 प्रतिशत मानता हूं.
उन्होंने कहा ‘‘आतंकवाद, उग्रवाद और माओवाद देश के लिये निश्चित रुप से चुनौती है. देश और उसमें रहने वालों की सुरक्षा के लिये सीमाओं की सुरक्षा की भी अहमियत है. हालांकि यह भी सच है कि हमने उग्रवाद, आतंकवाद और माओवाद पर काफी हद तक काबू पा लिया है और यदि इसी रफ्तार से काम करते रहे तो आगे और भी सफलता प्राप्त होगी” सिंह ने कहा, ‘‘एनआईए जटिल आपराधिक मामलों की जांच करती है .. आतंकवाद, माओवाद और उग्रवादियों की संलिप्तता अन्तर्राष्टरीय स्तर तक होती है और इस तरह इस राष्ट्रीय एजेंसी का काम और भी चुनौती पूर्ण हो जाता है.”
गृहमंत्री ने दुनिया के सामने एक नये और गंभीर संकट के रूप में उभरे खूंखार आतंकवादी संगठन ‘आईएसआईएस’ का जिक्र करते हुए कहा कि दुनिया के दूसरे देशों में बडी संख्या में लोग आईएसआईएस में शामिल हुए हैं लेकिन भारत में यह संख्या नगण्य है और इसका सबसे बड़ा कारण भारतीय मुस्लिम परिवार अपने बच्चों को उस रास्ते पर जाने से रोकते हैं.
सिंह ने दोहराया कि दुनिया में बाकी जगह आईएस का भय और संकट हो सकता है लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि हमारे यहां जीवन मूल्यों के प्रति संकल्प रखने वाले लोगों की जमात है, उसके रहते आईएस का वर्चस्व भारत में किसी भी सूरत में नहीं हो सकता. एनआईए के महानिदेशक शरद कुमार ने इस मौके पर कहा कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण ने अपनी स्थापना के बाद गुजरे छह साल में कुल 112 मामलों पर जांच की है. उनमें से अभियोजन में सफलता का प्रतिशत 95 जबकि सजा दिलाने का प्रतिशत 92 रहा है.
उन्होंने बताया कि कुल 8785 वर्ग मीटर में एनआईए का कार्यालय तथा आवासीय परिसर बन रहा है जो आगामी डेढ साल में तैयार हो जाएगा इस पर कुल 53 करोड रूपये खर्च होंगे लखनऊ में एनआईए की शाखा 20 मई 2012 को स्थापित की गयी थी यह शाखा उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ, बिहार तथा झारखण्ड से सम्बन्धित आतंकवादी घटनाओं की जांच कर रही है. प्रदेश के जन्तु विज्ञान राज्यमंत्री शिव प्रताप यादव ने इस मौके पर एनआईए के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने एनआईए के भवन के साथ-साथ सशस्त्र सीमा बल के भवन के लिये भी जमीन उपलब्ध करायी है.