अमरेंद्र पटेल ने प्रभात खबर को बताया कि 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण लागू करने में हुई विसंगति को दूर किए जाने के बाद भी नियुक्ति पाने से वंचित आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने सोमवार से भूख हड़ताल शुरू की है. अभ्याथिर्यों का धरना प्रदर्शन का 559 दिन से चल रहा है. इस दौरान बेसिक शिक्षा मंत्री से लेकर सरकार के कई अन्य मंत्रियों से मुलाकात की गयी. लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. शासन-प्रशासन की निरंकुशता के चलते कोई हमारी सुधि लेने वाला नहीं है. उन्होंने कहा कि शासन प्रशासन किसी साजिश के तहत भूख हड़ताल समाप्त करवाना चाहता है. लेकिन नियुक्ति पत्र की मांग पूरी न होने तक ऐसा नहीं होने देंगे.
शिक्षक अभ्यर्थी तीन साल से आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन सीएम योगी तक उनकी आवाज नहीं पहुंच पा रही है. अधिकारी उन्हें गुमराह कर रहे हैं. युवा खुले आसमान के नीचे विषम परिस्थितियों में धरना-प्रदर्शन और भूख हड़ताल कर रहा है. हम भी वोट हैं. हम पिछड़े-दलित समाज के लोग हैं. हमारी मांग भी जायज है. इसके बावजूद लगातार संघर्ष करना पड़ रहा है. इसके बावजूद सीएम योगी न जाने क्यों हमारी बात नहीं सुन रहे हैं.
69 हजार शिक्षक भर्ती में रिजर्वेशन स्कैम हुआ. इसकी जानकारी होने पर अभ्यर्थी राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग शिकायत लेकर गये. आयोग ने जांच के बाद स्कैम होने की पुष्टि की और अपनी संस्तुति दी. इसके बाद आंदोलन किया गया. गड़बड़ी की जानकारी होने पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने राजस्व परिषद के अध्यक्ष मुकुल सिंघल के अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई. इस कमेटी ने भी आरक्षण घोटाले की पुष्टि की. इसके बाद सीएम योगी ने शिक्षक अभ्यर्थियों का पांच लोगों का डेलीगेशन वार्ता के लिये बुलाया. उन्होंने पूरी बात सुनकर दो दिन में नई लिस्ट बनाने का भरोसा दिलाया. 05 जनवरी 2022 को लिस्ट भी आ गयी. लेकिन इसके बाद विधानसभा चुनाव घोषित हो गये. इससे लिस्ट बनी ही रह गयी. चुनाव होने और नई सरकार बनने के बाद से अभ्यर्थी लगातार संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है. इसी के चलते सोमवार से भूख हड़ताल पर बैठना पड़ा है.
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