69000 शिक्षक भर्ती: आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने घेरा सीएम आवास, पुलिस ने रोका
अमरेंद्र पटेल ने बताया कि 69 हजार शिक्षक भर्ती में आरक्षण लागू करने में अनियमितताएं बरती गई. जिससे आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नौकरी से वंचित कर दिया गया.
लखनऊ: 69 हजार शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों ने बुधवार को सीएम आवास पर प्रदर्शन किया. अलग-अलग जत्थों में सीएम आवास के मुख्य गेट के सामने पहुंचे शिक्षक अभ्यर्थियों को पुलिस ने रोक लिया. जिससे सभी सड़क पर बैठकर नारेबाजी करने लगे. प्रदर्शनकारियों महिला अभ्यर्थी भी अपने बच्चों के साथ शामिल थीं.
बुधवार शाम लगभग 4 बजे 69000 शिक्षक भर्ती के अंतर्गत चयनित 6800 आरक्षित वर्ग के शिक्षक अभ्यर्थी नियुक्ति की मांग को लेकर सीएम आवास पहुंच गए. उन्होंने मुख्यमंत्री आवास के मुख्य गेट पर पहुंच कर जोरदार नारेबाजी की. मौके पर मौजूद पुलिस के साथ अभ्यर्थियों की धक्का मुक्की भी हुई. प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का कहना था कि बेसिक शिक्षा विभाग और प्रशासन के लोग नियुक्ति पत्र देने में वादाखिलाफी कर रहे हैं. पुलिस प्रशासन ने अभ्यर्थियों की मुलाकात मुख्यमंत्री से कराने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक एक बार भी मुलाकात नहीं हो पाई है.
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69000 शिक्षक भर्ती: आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने घेरा मुख्यमंत्री आवास
लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती के अंतर्गत चयनित 6800 आरक्षित वर्ग के शिक्षक अभ्यर्थियों ने नियुक्ति की मांग को लेकर बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास का घेराव किया इस दौरान अभ्यर्थियों ने जोरदार… pic.twitter.com/AFl9SqRbey
— अमरेन्द्र पटेल बाहुबली (@amrendra566) February 14, 2024
आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं अमरेंद्र पटेल ने बताया कि लखनऊ हाईकोर्ट के डबल बेंच में 69 हजार शिक्षक भर्ती संबंधित मामले की सुनवाई चल रही है. शिक्षा मंत्री संदीप सिंह और विभाग के अधिकारियों से जो वार्ता हुई थी, उसके अनुसार सरकार के वकील कोर्ट में पक्ष नहीं रख रहे हैं. इसी की जानकारी देने के लिए अभ्यर्थी सीएम योगी से मिलना चाहते हैं. उन्हें बताया जाना है कि सीएम के आदेश से हुई जांच के बाद ही 6800 अभ्यर्थियों की लिस्ट जारी की गई थी. अब उन्हें नियुक्ति पत्र के लिए भी सीएम से ही उम्मीद है.
अमरेंद्र पटेल ने बताया कि 69 हजार शिक्षक भर्ती में आरक्षण लागू करने में अनियमितताएं बरती गई. जिससे आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नौकरी से वंचित कर दिया गया. आंदोलन के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस गड़बड़ी का संज्ञान लिया और दलित पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने का आदेश अधिकारियों को दिया. लेकिन अभी तक शासन से जारी लिस्ट के अनुसार अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं मिली है.
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