UP लोकायुक्त नियुक्ती मामले में सरकार ने धोखे में रखा : सुप्रीम कोर्ट

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह को उत्तर प्रदेश का लोकायुक्त नियुक्त किए जाने के अपने फैसले को वापस लेने का आग्रह करने वाली याचिकाओं पर आदेश सुरक्षित रखा. उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह को उत्तर प्रदेश का लोकायुक्त नियुक्त करने के अपने आदेश को तब तक नहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 20, 2016 2:15 PM

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह को उत्तर प्रदेश का लोकायुक्त नियुक्त किए जाने के अपने फैसले को वापस लेने का आग्रह करने वाली याचिकाओं पर आदेश सुरक्षित रखा. उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह को उत्तर प्रदेश का लोकायुक्त नियुक्त करने के अपने आदेश को तब तक नहीं बदलेगा जब तक कि ऐसा करने के लिए बाध्यकारी कारण नहीं हों. उच्चतम न्यायालय ने कहा कि जब तक बाध्यकारी परिणाम हमारे विवेक को नहीं झकझोरते तब तक हम अपना आदेश वापस नहीं लेंगे.

गौरतलब हो कि इस में पहले भी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के अधिवक्ता कपिल सिब्बल के पेश ना होने पर अपना नाराजगी व्यक्त की है. कोर्ट ने सरकार को कोई और विकल्प तलाशने की बात कही है. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार की अपील को रिजेक्ट करते हुए कहा कि सवाल एक मामले का नहीं है लेकिन कोर्ट का कामकाज सुचारू रूप से चलाना होगा. मामले में यूपी सरकार ने यह कहा था कि सिब्बल दूसरे केस में वयस्त हैं इसलिए इसकी सुनवाई बात में की जाये. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार पर कोर्ट को दिग्भ्रमित करने की बात भी कही है.

गौरतलब हो कि सुप्रीम कोर्ट में उत्तर प्रदेश में लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर महत्वपूर्ण सुनवाई होने वाली है. सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर यूपी सरकार द्वारा रिटायर्ड जज वीरेंद्र सिंह का नाम गलत तरीके से अदालत के सामने रखने का आरोप लगाया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के लोकायुक्त नियुक्ती पर रोक लगाते हुए रिटायर्ड जज के शपथ पर रोक लगा दी थी. मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है जिसमें यूपी की ओर से वकील के रूप में कपिल सिब्बल बहस कर रहे हैं.

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