लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारेबाजी करने वाले बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्रों नेशनिवारको कहा कि दलित छात्रों के उत्पीड़न के विरोध में उन्होंने ऐसा कदम उठाया. छात्र रामकरन ने कहा, हम लोग बाबा साहेब के अनुयायी हैं. संविधान और विधि के छात्र हैं. हैदराबाद में दलित छात्र रोहित वेमुला ने आत्महत्या की. इस तरह लोग ना मरें, इसी के विरोध में हमने नारेबाजी की.
नारेबाजी करने वाले एक अन्य छात्र अमरेन्द्र कुमार आर्य ने कहा कि ये आवाज दबेगी नहीं. हमने ये कदम इसीलिए उठाया, ताकि आने वाले समय में अन्य दलित छात्राें के साथ ऐसा ना हो, जैसा रोहित के साथ हुआ.
छात्र ने कहा कि पचास साल पहले बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के साथ भी ऐसा हुआ था. आज रोहित के साथ यही हुआ. इलाहाबाद विश्वविद्यालय, अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय और बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, हर जगह दलित छात्रों को सताया जा रहा है. रामकरन ने ये आरोप भी लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने उसे गेस्ट हाउस से कल रात ही निकाल दिया, जबकि उसने दो दिन के प्रवास के लिए शुल्क जमा किया था.
इन छात्रों ने कल संवाददाताओं से कहा था कि मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं. हम चाहते हैं कि वह न्याय करें. वह मजबूत प्रधानमंत्री हैं और हमारा उनसे आग्रह हैं कि इस मामले में वह न्याय करें. इन छात्रों का कहना था कि यदि सरकार समय रहते कदम उठाती तो ऐसी घटना से बचा जा सकता था.
उल्लेखनीय है कि अंबेडकर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह मेंप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे ही भाषण के लिए खड़े हुए, इन छात्रों ने मोदी मुर्दाबाद, इंकलाब जिन्दाबाद और मोदी वापस जाओ के नारे लगाना शुरू कर दिया. ये छात्र सभागार में बीच में बैठे थे. सुरक्षाकर्मी दोनों को तत्काल सभागार से बाहर ले गये और उन्हें गिरफ्तार कर लिया. हालांकि बाद में निजी मुचलके पर उन्हें रिहा कर दिया गया.