अल कायदा का प्रतिभाशाली नौजवान विनाशकारी : राजनाथ सिंह
लखनऊ : केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आईटी कंपनी इन्फोसिस और आतंकी संगठन अल कायदा के लिए काम कर रहे नौजवानों की तुलना करते हुए आज कहा कि दोनों ही संगठनों में ‘प्रतिभाशाली’ नौजवान हैं लेकिन एक समाज के लिए लाभकारी और दूसरा विनाशकारी है. राजनाथ सिंह ने यहां डा. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक […]
लखनऊ : केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आईटी कंपनी इन्फोसिस और आतंकी संगठन अल कायदा के लिए काम कर रहे नौजवानों की तुलना करते हुए आज कहा कि दोनों ही संगठनों में ‘प्रतिभाशाली’ नौजवान हैं लेकिन एक समाज के लिए लाभकारी और दूसरा विनाशकारी है. राजनाथ सिंह ने यहां डा. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के 13वें दीक्षांत समारोह में कहा कि वह लंदन के अखबार ‘गार्जियन’ में छपे एक लेख को देखकर अचम्भित रह गये, जो इन्फोसिस बनाम अल कायदा पर था. लेख में दोनों संगठनों की समानताए बतायी गयी थीं. प्रतिभाशाली युवा इन्फोसिस में भी हैं और अलकायदा में भी हैं. दोनों के अस्तित्व में आने का कालखंड भी लगभग एक सा है. दोनों की ग्लोबल नेटवर्किंग है और दोनों में ही काम के प्रति समर्पित प्रतिभाशाली नौजवान हैं.
उन्होंने कहा कि हमें विचार करना पड़ेगा कि एक नौजवान ऐसा प्रतिभावान है कि हम कह सकते हैं वह मानव समाज के लिए क्रिएटिव टैलेंट है लेकिन दूसरा अल कायदा वाला डिस्ट्रक्टिव टैलेंट है. एक समाज के लिए लाभकारी और दूसरा विनाशकारी. राजनाथ सिंह ने कहा कि सोच का अंतर कहां से आया, इस हकीकत को समझना चाहिए. जब तक सोच ठीक नहीं होगी, विचार ठीक नहीं होंगे, जीवन मूल्यों के लिए प्रतिबद्धता नहीं होगी तो प्रतिभा का उपयोग समाज के लिए सही नहीं हो सकता है.
उन्होंने कहा कि विज्ञान एवं तकनीक जिन्दगी को सुगम बनाने के लिए उपयोगी है लेकिन यदि ठीक तरीके से उपयोग नहीं किया गया तो ये समाज के लिए खतरा भी है. साइबर क्राइम को लेकर आज सारी दुनिया में चिन्ता है. राजनाथ सिंह ने कहा कि तकनीक की अहमियत इस सीमा तक बढ गयी है कि सुशासन और विकास दोनों में ही लोग महसूस करने लगे हैं कि बिना तकनीक के ना तो सुशासन और ना ही विकास के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है. हमारी सरकार का भी फैसला है कि साढे तीन साल के भीतर पूरी व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए हम ई-शासन को अंजाम देने वाले हैं.
उन्होंने कहा कि जहां तक बडी कंपनियों का सवाल था, पहले दुनिया के दूसरे देशों विशेष रुप से अमेरिका में बडी कंपनियां होती थीं लेकिन आज हम अपना सीना ठोंक कर कह सकते हैं कि भारत किसी से पीछे नहीं है. इतना ही नहीं गूगल और माइक्रोसाफ्ट का प्रमुख भारतीय मूल का है. गृहमंत्री ने कहा कि हम सुपर पावरबनकर दुनिया के दिलों में दहशत नहीं पैदा करना चाहते हैं. हम विश्वगुरु बनना चाहते हैं ताकि मेरे बगल में अगर आकर कोई खड़ा हो तो उसे सुकून मिले, प्रेरणा मिले. हम विश्व में दबदबा नहीं स्थापित करना चाहते हैं. भारत विश्वगुरु था और बनेगा. उन्होंने कहा कि प्रकृति के कुछ शाश्वत नियम हैं. प्रकृति के शाश्वत नियम नहीं बदल सकते. विकास का सिलसिला बेतहाशा शुरू हुआ. प्रकृति के साथ खिलवाड़ किया. आज ग्लोबल वार्मिग और जलवायु परिवर्तन की चिन्ता पूरे विश्व में है.