लखनउ : बसपा सुप्रीम मायावती ने आज एक प्रेस कान्फ्रेंस कर भारतीय जनता पार्टी और उसके शीर्ष नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कड़ा राजनीतिक हमला बोला. मायावती ने आज अपने प्रेस कान्फ्रेंस में न सपा और न ही कांग्रेस सीधा निशाना साधा, बल्कि भाजपा शासन में दलितों व कमजोर वर्ग का हाल कांग्रेस सरकार से भी बदतर होने की बात कही. मायावती ने कहा कि हैदराबाद के दलित छात्र रोहित वेमुला के आत्महत्या मामले में प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी लखनउ में उत्तरप्रदेश में 2017 चुनावों के लिए भावुक हुए थे. उन्होंने कहा कि पूरे देश में दलित वर्ग के लोगों के प्रति हिंदुत्व आधारित जातिवादी सोच नहीं बदली है. मायावती ने कहा कि भाजपा शासन में दलित उत्पीड़न के सारे रिकार्ड टूट गये.
उन्होंने कहा कि आरएसएस की कट्टर सोच की मानसिकता वाले कभी आरक्षण की समीक्षा की बात करते हैं, तो कभी संविधान की समीक्षा की बात करते हैं. हमें डॉ आंबेडकर ने जो कानूनी सुविधाएं व अधिकार दिये हैं, उसे खत्म करने की कोशिश की गयी है. उन्होंने कहा कि यह सरकार लगभग सभी बड़ी सरकारी योजनाएं निजी क्षेत्र को दे रही है.
बसपासुप्रीमो ने कहा कि हाल में लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने भी कहा कि इन वर्ग के लोगों के आरक्षण की समीक्षा होनी चाहिए. मायावती ने कहा कि जिस देश में जाति आधारित भेदभाव आज भी हो, वहां इसे समाप्त करना इन वर्ग के लोगों के प्रति अमानवीयता को बढ़ाना होगा.
मायावती ने कहा कि बाबा साहेब ने लिखा है कि इक्का दुक्का खान पान व अंतरजातीय विवाह से जातिवाद खत्म नहीं होगा. किसी भी चीज का स्वाद बदला जा सकता है, लेकिन जहर को अमृत नहीं बनाया जा सकता है.
उन्होंने आरएसएस की मानसिकता को घातक बताते हुए कहा कि आज भी कई मंदिरों में महिलाओं को नहीं जाने दिया जाता है. महाराष्ट्र के एक मंदिर में इसके लिए जबरदस्त प्रदर्शन चल रहा है. जो पुरुष पूजापाठ से महिलाओं को रोक रहे हैं, उन्हें भी सोचना चाहिए कि उन्हें जन्म एक महिला ने ही दिया है.
मायावती ने कहा कि मोदी सरकार डॉ आंबेडकर को इज्जत देने के नाम पर तरह तरह की घोषणाएं कर रही है, लेकिन दलित वर्ग का अपमान किया जा रहा है. आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया जा रहा है. केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने उनके लिए आपत्तिजनक शब्द का प्रयोग किया.
उन्होंने कहा कि हैदराबाद के दलित छात्र रोहित वेमुला को आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ा और उनकी मौत पर पीएम मोदी का भावुक होना सोची समझी साजिश है, दलितों का वोट हासिल करने के लिए. मायावती ने कहा कि रोहित की मौत की जांच के लिए अभी तक आयोग नहीं गठित हुआ है, ऐसे में नहीं लगता है कि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सकेगा. मायावती ने कहा कि उन्हें दोषियों को पकड़े जाने की संभावना नजर नहीं आता है. उन्होंने बसपा संस्थापक कांशीराम को भारत रत्न नहीं दिये जाने पर भी सवाल उठाया.