यूपी में अकेले चुनाव लड़ेगी कांग्रेस, गठबंधन नहीं : पुनिया
कानपुर : केंद्र सरकार पर स्मार्ट सिटी चयन में भेदभाव बरतने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया ने आज कहा कि विकास के नाम पर राजनीति हो रही है और अधिकतर उन शहरों को स्मार्टसिटी के लिये चुना गया है जहां भारतीय जनता पार्टी या उनके सहयोगियों की सरकार है. उन्होंने […]
कानपुर : केंद्र सरकार पर स्मार्ट सिटी चयन में भेदभाव बरतने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया ने आज कहा कि विकास के नाम पर राजनीति हो रही है और अधिकतर उन शहरों को स्मार्टसिटी के लिये चुना गया है जहां भारतीय जनता पार्टी या उनके सहयोगियों की सरकार है. उन्होंने कहा कि इससे दुर्भाग्यपूर्ण और क्या हो सकता है कि प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र वाराणसी सिर्फ उत्तर प्रदेश मेंं होने के कारण स्मार्टसिटी के लिये नहीं चुना गया है. उन्होंने कहा कि 2017 में उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ेगी और कोई गठबंधन नहीं होगा.
पुनिया आज राष्ट्रीय दलित पिछड़ा अल्पसंख्यक सम्मेलन में भाग लेने कानपुर आये थे. शिक्षक पार्क में हुए कार्यक्रम के दौरान अपने-अपने संबोधन में सभी वक्ताओं ने हैदरबाद के छात्र रोहित वेमूला की आत्महत्या के लिये विश्वविद्यालय प्रशासन और भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया. सम्मेलन के बाद पत्रकारों से बातचीत में पुनिया ने कहा कि केंद्र सरकार स्मार्टसिटी के नाम पर भी राजनीति कर रही है. विकास के नाम पर राजनीति करना दुर्भाग्पूर्ण है. केवल उन्हीं प्रदेशों के शहरों को स्मार्टसिटी के लिये चुना गया है जहां भाजपा और सहयोगी दलों की सरकार है. उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे बडे प्रदेशों से एक भी शहर का नहीं चुना जाना गलत है.
उन्होंने आरोप लगाया कि तेलंगाना में रोहित के उपर इतनी ज्यादती की गयी कि उसे आत्महत्या करने के लिये बाध्य होना पड़ा. विश्वविद्यालय प्रशासन, केंद्र सरकार और भाजपा नेताओं के दबाव से उसे आत्महत्या के लिये बाध्य होना पड़ा. केंद्र सरकार के इशारे पर जातिवाद और भेदभाव का खुला खेल खेला जा रहा है. पुनिया ने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि हम सत्ता परिवर्तन नहीं बल्कि व्यवस्था परिवर्तन में विश्वास करते हैं. इसीलिए उत्तर प्रदेश में कांग्रेस अकेले दम पर विधानसभा चुनाव लड़ेगी. प्रदेश की जनता पिछले करीब 26 वर्षों में सपा, बसपा और भाजपा सबको देख चुकी है और वह एक बार फिर कांग्रेस की सरकार को चाहती है.