UP : होमगार्ड जवानों के भत्ते में 33 प्रतिशत की बढ़ोतरी

इलाहाबाद : उत्तरप्रदेश सरकार ने होम गार्डों के भत्ते में लगभग 33 फीसदी का इजाफा किया है. भत्ते की इस वृद्धि से उन लगभग एक लाख स्वयंसेवियों को लाभ होगा जो कानून-व्यवस्था बनाने में, यातायात प्रबंधन में और राहत एवं बचाव अभियानों में राज्य पुलिस को एक बडा सहयोग उपलब्ध करवाते हैं. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 5, 2016 4:44 PM

इलाहाबाद : उत्तरप्रदेश सरकार ने होम गार्डों के भत्ते में लगभग 33 फीसदी का इजाफा किया है. भत्ते की इस वृद्धि से उन लगभग एक लाख स्वयंसेवियों को लाभ होगा जो कानून-व्यवस्था बनाने में, यातायात प्रबंधन में और राहत एवं बचाव अभियानों में राज्य पुलिस को एक बडा सहयोग उपलब्ध करवाते हैं. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक होमगार्ड प्रमोद कुमार तिवारी ने यहां कहा कि होमगार्डों को दिये जाने वाले भत्ते को 225 रुपये से बढाकर 300 रुपये कर दिया गया है. नई दरें एक अप्रैल से लागू होंगी. राज्य में होमगार्डों के भत्तों में यह अब तक का सबसे बड़ा इजाफा है.

उन्होंने कहा कि इस समय लगभग 93 हजार स्वयंसेवी होमगार्डों के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. उन्होंने कानून-व्यवस्था बनाये रखने में अपनी अमूल्य सेवा दी है. राज्य सरकार की ओर से उठाया गया यह कदम उनके योगदान की सराहना का प्रतीक है. तिवारी ने कहा कि राज्य सरकार होमगार्डों के कल्याण के प्रति ‘‘बेहद संवेदनशील’ रही है और उसने रक्षा की इस दूसरी पंक्ति के लिए अपनी सेवाएं उपलब्ध करवाने वाले इन लोगों के कल्याण के लिए कई कदम उठाये हैं. यह सेवा वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद से अस्तित्व में आई.

तिवारी ने कहा कि पहले होमगार्डों के बीमे में सिर्फ वे आठ घंटे ही शामिल किये जाते थे, जिस दौरान कोई स्वयंसेवी ड्यूटी पर होता है. इस वजह से, यदि कोई स्वयंसेवी ड्यूटी से घर जाते समय दुर्घटना का शिकार हो जाता था तो वह लाभों से वंचित हो जाता था. एडीजी ने कहा कि पिछले साल जून के बाद से यह बदला है. अब बीमे के कवर की अवधि ड्यूटी के आठ घंटे पहले से शुरू होती है और इसकी समाप्ति ड्यूटी के इतने ही घंटे बाद होती है. उन्होंने कहा कि स्वयंसेवियों के परिवारों को आर्थिक मदद देने के लिए और उनके बच्चों को छात्रवृत्तियां देने के लिए एक कल्याणकारी कोष बना हुआ है. इस कोष में से दी जा सकने वाली राशि को दो करोड रुपए से बढाकर पांच करोड रुपये कर दिया गया है.

तिवारी ने कहा कि ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले या स्थायी विक्लांगता का शिकार हो जाने वाले स्वयंसेवियों के परिवार वालों को नौकरी देने का भी प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि स्वयंसेवियों को सरकार की ओर से ई-गवर्नेंस पर दिए जा रहे जोर से भी लाभ मिला है. उन्होंने कहा कि उनके भत्ते का भुगतान ऑनलाइन किया जा रहा है ताकि भुगतान में तेजी लाई जा सके. इसके साथ ही, एक अहम सॉफ्टवेयर के जरिये काम के बंटवारे के बारे में पारदर्शिता लायी गयी है.

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