लखनऊ : रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में सबसे उम्रदराज पक्षकार मुहम्मद हाशिम अंसारी :96: की हालत स्थिर है लेकिन उन्हें अब भी किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय :केजीएमयू: सघन चिकित्सा कक्ष :आईसीयू: में रखा गया. अंसारी की देखभाल कर रहे डाक्टर वेद प्रकाश ने आज ‘भाषा’ को बताया कि उनकी हालत स्थिर है लेकिन उन्हें अब भी आईसीयू में ही रखा गया है. उन्हें सीने में दर्द की वजह से परसों फैजाबाद से लाकर केजीएमयू में भर्ती कराया गया था.
अयोध्या के मूल निवासी और पेशे से दर्जी अंसारी विवादित स्थल के मुकदमे के सबसे पुराने पक्षकार हैं. वह दिसम्बर 1949 से इस मामले से जुडे हैं, जब तत्कालीन बाबरी मस्जिद के अंदर रामजन्मस्थल बताकर भगवान राम की मूर्तियां रख दी गयी थीं. अंसारी को वर्ष 1954 में प्रतिबंध के बावजूद बाबरी मस्जिद में अजान देने के आरोप में फैजाबाद की अदालत ने दो साल की सजा सुनायी थी. वर्ष 1961 में अंसारी तथा छह अन्य लोगों ने सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की तरफ से फैजाबाद दीवानी अदालत में दायर मुकदमे में बाबरी मस्जिद पर मुसलमानों का दावा किया था. अंसारी उनमें से एकमात्र जीवित पक्षकार हैं.