राहुल गांधी को बताया मानसिक रोगी, बनवाया ओपीडी कार्ड

लखनऊ : कांग्रेस के उपाध्यक्ष और अमेठी से सांसद राहुल गांधी का राजधानी के किंग जार्ज यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के मानसिक रोग वि‍भाग में ओपीडी कार्ड बनवाया गया है. मंगलवार को बनवाये गये इस कार्ड में राहुल गांधी का नाम और उनके पिता राजीव गांधी का नाम साफ-साफ देखा जा सकता है. कार्ड में राहुल की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 17, 2016 11:20 AM

लखनऊ : कांग्रेस के उपाध्यक्ष और अमेठी से सांसद राहुल गांधी का राजधानी के किंग जार्ज यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के मानसिक रोग वि‍भाग में ओपीडी कार्ड बनवाया गया है. मंगलवार को बनवाये गये इस कार्ड में राहुल गांधी का नाम और उनके पिता राजीव गांधी का नाम साफ-साफ देखा जा सकता है. कार्ड में राहुल की उम्र 45 साल बतायी गयी है. भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश महामंत्री अभिजात मिश्र ने दावा किया है कि यह कार्ड उन्होंने बनवाया है. उन्होंने कहा कि राहुल ने जेएनयू मामले में जो रुख अपनाया है उससे लगता है कि उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. उन्होंने राष्ट्रविरोध और अलगवाद का समर्थन करने के आरोप में राहुल गांधी के खिलाफ हजरतगंज थाने में तहरीर भी दी. पुलिस ने एनसीआर दर्ज कर के मामले की जांच भी शुरू कर दी है. भाजयुमो ने राहुल गांधी और वामपंथ की प्रतीकात्मक शवयात्रा निकाल कर हजरतगंज चौराहे पर शवदाह किया थ.

कैसे बनता है ओपीडी कार्ड

केजीएमयू में मरीज का ओपीडी कार्ड कई तरह की जानकारियों को एक फॉरमेट पर डालने के बाद बनता है. बनने के बाद जो कार्ड मिलता है, उस पर एक बारकोड होता है. इस बारकोड के जरिये मरीज का पूरा डेटा केजीएमयू के सिस्टम पर चेक किया जा सकता है. इस कार्ड में मरीज का नाम राहुल गांधी, पिता का नाम श्री राजीव गांधी,पता तुगलकाबाद, रायबरेली उत्तर प्रदेश, उम्र 45 साल, ब्लड ग्रुप अज्ञात दर्ज किया गया है.

पुलिस कर रही है जांच

हजरतगंज थाना प्रभारी ने मामले में एनसीआर दर्ज कर जांच की दारुलशफा चौकी प्रभारी सत्यवीर सिंह को सौंपी है. अन्य कोई जानकारी देने से उन्होंने इन्कार कर दिया. इस पूरे मामले पर केजीएमयू के कुलपति प्रो. रविकांत का कहना है कि जिस क्लर्क ने ये ओपीडी कार्ड बनाया है, उसको बर्खास्त किया जाएगा. अगर किसी चिकित्सक की गलती पायी गयी तो उसका भी निलंबन किया जाएगा. केजीएमयू देश के सभी नेताओं का सम्मान करता है, चाहें वे किसी भी पार्टी के क्यों न हों. ये निंदनीय कृत्य है.’

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