कृषि जगत में क्रांतिकारी परिवर्तन पर काम चल रहा है, 2022 तक किसानों की इनकम होगी दोगुनी : मोदी

लखनऊ / बरेली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बरेली में किसानों की रैली को संबोधित करते हुएकहा कि किसान ही देश की शान हैं. मोदी ने कहा कि आज मुझे उत्तर प्रदेश के किसानों से बात करने का मौका इस बरेली की धरती से मिला है. बरेली में किसानों को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 28, 2016 2:31 PM

लखनऊ / बरेली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बरेली में किसानों की रैली को संबोधित करते हुएकहा कि किसान ही देश की शान हैं. मोदी ने कहा कि आज मुझे उत्तर प्रदेश के किसानों से बात करने का मौका इस बरेली की धरती से मिला है. बरेली में किसानों को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि दूर- दूर तक किसान ही किसान है और किसान ही तो मेरे देश की शान है. मैं आज उत्तर प्रदेश की धरती से न सिर्फ उत्तर प्रदेश कि सरकार को बल्कि राज्य की सरकारों से अनुरोध करता हूं कि अपने राज्य के कामों में किसानों को वरीयता दें. अगर हमने जो योजनाएं बनायी हैं उन्हें लागू करने का प्रयास करें तो मेरा सपना पूरा हो सकता है.

किसान मेहनती देवता हैं इस देश के अन्नदाता हैं हम प्रण कर लें कि 2022 तक किसान की आय दोगुनी कर दें. यह इतना कठिन काम नहीं है. मध्य प्रदेश का नाम कभी भी कृषि के अव्वल प्रदेशों में नहीं था. पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश का नाम आता था. जब वहां बीजेपी की सरकार बनी और विशेष कर श्रीमान शिवराज सिंह चौहान ने संकल्प लेकर कृषि को प्राथमिकता दी उसके बाद योजना बनायी, बूंद-बूंद पानी का प्रयोग किया. आज पिछले तीन साल से मध्य प्रदेश कृषि क्षेत्र में नंबर वन राज्य हैं.

पीएम ने कहा कि मैं यहां किसी की आलोचना करने नहीं आया. मैं तो यहां आया हूं आग्रह करने. भारत की केंद्र सरकार कृषकों से जुड़ी योजनाओं को लागू करने के लिये तैयार है. देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए तीन स्तंभ की जरूरत है. अर्थ रचना में एक तिहाई हिस्सा कृषि का है. पीएम मोदी ने कहा कि एक तिहाई हिस्सा उद्योगों का और एक तिहाई हिस्सा सर्विस सेक्टर का है. आज किसान मां बाप चाहता है कि एक बेटा ही किसानी करे. बाकी सभी बेटे घर से बाहर निकलकर रोजगार के लिये जायें. पीएम ने किसानों से कहा कि एक तिहाई हिस्सा है किसानी का हम उसे कैसे आगे बढ़ायें. खेती को भी तीन हिस्सों में बांटने की आवश्यकता है. एक मीटर जमीन हर किसान खराब कर देता है, उसमें बाड़ लगा देता है. अगर इन सीमाओं का प्रयोग वृक्ष लगाने के लिये करें तो 15-20 साल में पेड़ तैयार हो जायेंगे. घर में बेटी हो तो एक पेड़ लगा दें. जब तक बेटी जवान होगी पेड़ भी बड़ा हो जायेगा. उस पेड़ का प्रयोग बेटी की शादी के लिये किया जा सकता है. एक हिस्सा पशुपालन का होता है अगर हम पशुपालन पर ध्यान दें तो यह प्रकृति रूठ जाये तब भी काम आ सकती है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले साल हमारे देश में सबसे ज्यादा अंडे की पैदावार हुई है और इसका फायदा ग्रामीण भाईयों को हुआ है. हमारे देश में खेती को मजबूती देने की जरूरत है सिर्फ किसानों के जेब में रुपए डालने से बात नहीं बनेगी. बुंदेलखंड की हालत देखकर मुझे चिंता होती है. जिस क्षेत्र में पांच नदियां हों वहां के लोगों के पास पीने के लिये पानी नहीं है. किसान को समय पर पानी मिल जाये तो वो मिट्टी से सोना निकाल सकते हैं. अटल जी का सपना था सभी नदियों को जोड़ने के लिये अगर वह सपना पूरा हो जाता तो बाढ़ से भी बचते और सूखे से भी. हमने 50 हजार करोड़ की लागत से हिंदुस्तान में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना लागू करने का जिम्मा उठाया. मनरेगा में क्या हुआ हम नहीं जानते. गांव में जाकर पूछो तो मनरेगा में क्या काम हुआ किसी को पता नहीं. हम भी संकल्प कर लें कि पानी की एक-एक बूंद का प्रयोग करेंगे.

गांव के नौजवानों बारिश के पानी को रोकने के लिये कोशिश कर लो तो साल भर में सभी कुओं की जरूरत का पानी जमा हो जायेगा. हमने धरती मां पर कितना अत्याचार किया.अनाप-शनाप दवाइयों के प्रयोग के कारण हमारी धरती मां बीमार हो गयी. बहुत बड़ी मात्रा में हमारे राधा मोहन जी ने जमीन की रक्षा के लिये अभियान चलाया है. बीज भी खेती में बहुत महत्वपूर्ण होता है. सरकार ने उत्तम से उत्तम बीज पहुंचाने के लिये कोशिश की है.सस्ते में किसान तक बीज पहुंचाने की हमारी योजना है. मुख्यमंत्रियों की पहले चिट्ठी आती थी कि भारत सरकार यूरिया दे. इस बार एक भी मुख्यमंत्री ने यूरिया के लिये भारत सरकार को चिट्ठी नहीं लिखी. इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश के कई एमपी मिलते हैं. पहले तो हमारे यहां यूरिया लेने के लिए खेत छोड़कर कतार में लगना पड़ता था. कभी-कभी यूरिया नहीं आता था तो पुलिस लाठी चार्ज करती थी. सरकार ने यूरिया का नीम कोटिंग कराने का काम किया. देश ने 100 फीसदी नीम कोटिंग किया है. तीसरा एक काम हुआ केमिकल के लिए जो फर्टिलाइजर्स चला जाता था वो बंद हो गया इस वजह से यूरिया की कालाबाजारी बंद हो गयी.

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना हमने किसानों को सुरक्षा देने के लिये लागू किया है. हमने कोशिश की है कि 100 में से कम से कम 50 किसान फसल बीमा योजना लें. मैं किसानों से आग्रह करता हूं कि आप फसल बीमा योजना जरूर लें. जितनी बीमा योजना लेंगे दिल्ली के खजाने से उतना अधिक पैसा जायेगा. आपके खेत में ओले गिर गये, भूस्खलन हो गया. अगर किसी एक किसान के खेत को नुकसान होगा तो उसे भी फसल बीमा का पैसा मिलेगा. हमने कृषि में तकनीक के प्रयोग को बढ़ावा दिया है. अब किसान बारिश के भरोसे नहीं बैठेगा. इस सरकार ने निर्णय किया कि अगर फसल कटने के 14 दिन के भीतर प्राकृतिक आपदा आ गई तो उसको भी बीमा राशि दी जायेगी. कृषि जगत में क्रांतिकारी परिवर्तन का काम चल रहा है. राज्य सरकारें भी 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिये काम करें.

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