‘ग्लोबल बाबा” फिल्म घर्म के कारोबार का खुलासा करेगी

लखनऊ : आस्था की आड में ‘धर्म के कारोबार’ पर तंज करती फिल्मों की श्रंखला की ताजा कडी ‘ग्लोबल बाबा’ लोगों को ‘ना आपकी आस्था सस्ती है और ना ही आपका वोट’ के संदेश के जरिये ना सिर्फ जगाएगी बल्कि ‘बाबा योग और राजयोग’ की बदनुमा जुगलबंदी पर भी चोट करेगी. फिल्म के कथालेखक और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 28, 2016 4:50 PM

लखनऊ : आस्था की आड में ‘धर्म के कारोबार’ पर तंज करती फिल्मों की श्रंखला की ताजा कडी ‘ग्लोबल बाबा’ लोगों को ‘ना आपकी आस्था सस्ती है और ना ही आपका वोट’ के संदेश के जरिये ना सिर्फ जगाएगी बल्कि ‘बाबा योग और राजयोग’ की बदनुमा जुगलबंदी पर भी चोट करेगी. फिल्म के कथालेखक और गीतकार सूर्य उपाध्याय ने ‘भाषा’ से बातचीत में कहा कि ‘ग्लोबल बाबा’ आम लोगों को एक बार फिर इस संदेश के साथ जगाने और झकझोरने की कोशिश करेगी कि समाज से तिरस्कृत लोग किस तरह से आस्था जैसी बेहद नाजुक भावना से खिलवाड करके अपने हित साधते हैं और क्यों हमें अपनी आंखें खोलकर वास्तविकता को समझना चाहिये.

उन्होंने बताया कि विजय बंसल द्वारा निर्मित और मनोज तिवारी के निर्देशन में बनी यह फिल्म आगामी 11 मार्च को सिनेमाघरों में दस्तक देगी. लखनऊ से ताल्लुक रखने वाले उपाध्याय ने बताया कि ग्लोबल बाबा एक ऐसे अपराधी की कहानी है जो अपनी करतूतों को छुपाने के लिये गेरआ वस्त्र पहनकर ‘बाबा’ बन जाता है और धर्म के नाम पर लोगों की आस्था से खिलवाड़ करता है. उसके पूरे साम्राज्य में दल्लू यादव नामक राजनेता भी बराबर का शरीक होता है. इन दोनों का गठजोड़ ‘बाबा योग और राजयोग’ की स्याह जुगलबंदी के तौर पर फिल्म में दिखाया गया है.

उन्होंने बताया कि यह फिल्म अंत में इस जुगलबंदी के पर्दाफाश के तौर पर एक सार्थक संदेश के साथ खत्म होती है. उपाध्याय ने बताया कि ढोंगी बाबाओं और सफेदपोश लोगों की स्वार्थपरता के पाटों में पिसती आस्था को दर्शाती इस फिल्म में लोगों को यह संदेश देने की कोशिश की गयी है कि ‘ना तो आपकी आस्था सस्ती है और ना ही आपका वोट. उपाध्याय ने बताया कि फिल्म में ‘ग्लोबल बाबा’ का किरदार अभिमन्यु सिंह ने जबकि दल्लू यादव की भूमिका अखिलेन्द्र मिश्र ने निभायी है. फिल्म मंे मशहूर कलाकार रवि किशन और संदीपा धर ने भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है.

फिल्म के निर्माता विजय बंसल ने बताया कि ‘ग्लोबल बाबा’ धार्मिक भावनाओं से खिलवाड से होशियार करती ‘पीके’ और ‘ओ माई गॉड’ जैसी हिट फिल्मों से कुछ अलग है. यह फिल्म धर्म के ठेकेदारों की हरकतों के साथ-साथ राजनीति के स्तर में आयी गिरावट की तरफ भी इशारा करती है. उन्होंने बताया कि ‘ग्लोबल बाबा’ की कहानी मौलिक है और बालीवुड में ऐसी कहानियों की मांग है. दर्शक ऐसी फिल्में पसंद भी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि फिल्म के कई गाने कर्णप्रिय बन पड़े हैं. इसमें एक होली का गाना भी है. चूंकि फिल्म होली से कुछ पहले रिलीज हो रही है, लिहाजा उम्मीद है कि दर्शकों को यह गीत पसंद आएगा.

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