लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने आज कहा कि वह इशरत जहां मामले में गलतबयानी भरा शपथपत्र देने के आरोप में तत्कालीन गृहमंत्री पी. चिदंबरम के खिलाफ अदालत में अवमानना याचिका दाखिल करने की अपील करेंगे और अगर सरकार नहीं करती है तो वह खुद ऐसा करेंगे.
स्वामी ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया कि चिदम्बरम ने इशरत जहां के आतंकवादी संगठन से सम्बन्ध होने की बात को छुपाने के लिये अदालत में शपथपत्र बदलवाया था. वह केंद्र सरकार से अपील करेंगे कि चिदम्बरम के खिलाफ अवमानना याचिका दायर करे. अगर केंद्र ऐसा नहीं करता है तो वह खुद याचिका दाखिल करेंगे.
उन्होंने कहा कि अगर चिदंबरम यह कहते हैं कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दबाव में यह शपथपत्र बदलवाया था तो सोनिया को भी इस मामले में सह अभियुक्त बनाया जाना चाहिये. स्वामी ने रामजन्मभूमि-बाबरी ढांचे मामले की उच्चतम न्यायालय में रोजाना सुनवाई की अपनी मंशा का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने इस मामले के पक्षकारों आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, शहाबुद्दीन अंसारी तथा मुस्लिम नेता असदउद्दीन ओवैसी से बात की है और वे रोजाना सुनवाई के लिये राजी हैं.
भाजपा नेता ने कहा कि रोजाना होने पर मामले की सुनवाई एक महीने के अंदर पूरी हो जाएगी, उसके बाद निर्णय आ जाएगा. उम्मीद है कि उच्चतम न्यायालय इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को बहाल रखेगा. केंद्र की तत्कालीन नरसिम्हा राव सरकार ने शपथपत्र दिया था कि अगर यह साबित हो जाए कि विवादित स्थल पर मंदिर था तो वह जमीन हिन्दुओं को दे दी जाए. स्वामी ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने संसद में अच्छा भाषण किया इसलिये विरोधी लोग उन्हें घेर रहे हैं.