लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने उत्तर प्रदेश विधानसभा में पेश की गयी मुज्जफरनगर साम्प्रदायिक दंगों की न्यायिक आयोग की रिपोर्ट को केवल ‘लीपापोती’ करके सरकार को बचाने वाली रिपोर्ट करार दिया है.मायावती ने आज यहां जारी बयान में कहा कि जस्टिस :सेवानिवृत्त: विष्णु सहाय की जांच रिपोर्ट ने इंसाफ पसंद लोगों को वैसे ही मायूस किया जैसे सपा सरकार के लचर रवैये ने पीड़ितों और प्रदेशवासियों को मायूस किया है.
मायावती ने बयान में कहा कि मुज्जफरनगर में साम्प्रदायिक दंगों की न्यायिक आयोग की रिपोर्ट में राज्य सरकार को ‘क्लीनचिट‘ देते हुए न केवल लीपापोती की गयी बल्कि साबित होता है कि केंद्र में भाजपा और प्रदेश में सपा सरकार में गरीबों, महिलाओं, किसानों दलितों एवं धार्मिक अल्पसंख्यकों में से खासकर मुस्लिम समाज के लोगों को जानमाल तथा मजहब की सुरक्षा मिल पाना असंभव सा है.पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने बयान में कहा कि मुज्जफरनगर दंगों के दौरान व्यापक जन धन की हानि के साथ साथ व्यापक पैमाने पर लोगों का पलायन हो गया और सरकार का रवैया अमानवीय रहा.
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि प्रथम दृष्टया दोषी पाये गये भाजपा के लोगों आदि के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई कर सपा सरकार ने पीड़ितों को इंसाफ दिलाने का दावा किया था, लेकिन प्रदेश सरकार इस स्तर पर भी पूरी तरह विफल रही और दंगा भड़काने के दोषी खुलआम हीरो बनकर घूमते रहे.मायावती ने आरोप लगाया कि मुज्जफरनगर जांच आयोग की रिपोर्ट से इस बात को बल मिलता है कि वास्तव में इस न्यायिक जांच आयोग का सही मकसद दोषियों को सजा व पीड़ितों को न्याय दिलाना नहीं बल्कि सरकारों को क्लीन चिट देना एवं मामले को रफा दफा तथा लीपापोती करना होता है.