कानपुर : कानपुर के 32 वर्षीय बढई का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का सपना आखिरकार पूरा हुआ और उन्होंने प्रधानमंत्री को लकड़ी पर उकेरी गयी अद्भुत गीता भेंट की. संदीप सोनी को इस अदभुत गीता को बनाने में तीन साल का वक्त लग गया. उन्होंने 26 जून 2014 को प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा. लेकिन विभिन्न कारणों से वह इसमें सफल नहीं हो सके. प्रधानमंत्री कार्यालय के बुलावे पर संदीप सोनी ने कल नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपनी मां सरस्वती सोनी और एक दोस्त के साथ मुलाकात की और उन्हें अपने द्वारा लकड़ी पर उकेरी गयी गीता भेंट की.
लकडी की यह गीता 32 बोर्ड की है जिसमें 18 अध्याय और 706 श्लोक लिखे हुए हैं. प्रधानमंत्री मेरे काम से बहुत प्रभावित हुए और मेरी गीता की सराहना की. प्रधानमंत्री ने संदीप और उनकी मां के साथ गीता लेकर फोटो खिंचवायी और बाद में उसे ट्विटर पर भी जारी किया. मोदी ने ट्वीट किया कि संदीप सोनी ने मुझे गीता की एक प्रति भेंट की है. इसे लकड़ी पर उकेरा गया है. मैं उनके इस प्रयास की सराहना करता हूं. कानपुर लौटने पर संदीप ने आज बताया, ‘‘प्रधानमंत्री को सामने देख मैं भावुक हो गया क्योंकि मुझे सपने में भी यकीन नहीं था कि एक दिन मैं प्रधानमंत्री के सामने खड़ा होउंगा. प्रधानमंत्री मोदी ने मुझे गले से लगाया और मेरी मां से हालचाल पूछा. फिर प्रधानमंत्री ने मुझसे गीता को बनाने के बारे में पूछा तो मैने प्रधानमंत्री को बताया कि यह गीता प्लाइवुड पर लकड़ी के अक्षरों को काटकर तीन साल में बनायी गयी है.
संदीप बताते है कि मैं प्रधानमंत्री से कहा कि मैं अपनी इस कला को मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत खुद का रोजगार कर और लोगों को प्रशिक्षण देना चाहता हूं. लेकिन अभी मैं केवल नौ हजार रुपये की प्राइवेट नौकरी करता हूं इसलिए यह संभव नहीं हो पा रहा है. प्रधानमंत्री के निर्देश पर एक अधिकारी ने उनकी बात ध्यान से सुनी और आश्वासन दिया कि वह जल्द ही इस दिशा में काम कर उन्हें सूचित करेंगे. संदीप ने बताया कि पिछले महीने वह प्रधानमंत्री कार्यालय के बुलावे पर गीता लेकर गये लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से व्यक्तिगत तौर पर मिलकर गीता भेंट करने में सफल नहीं हो पाये थे.