लखनऊ : भाजपा के नये उत्तर प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने आज कहा कि 2017 के विधानसभा चुनावों में पार्टी को जीत दिलाना उनकी शीर्ष प्राथमिकता है.मौर्य ने ‘भाषा’ से कहा, ‘‘मेरी पहली प्राथमिकता है कि अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा सरकार बनाये.’ सैंतालीस वर्षीय मौर्य इलाहाबाद में फूलपुर लोकसभा सीट से सांसद हैं. वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ही तरह साधारण परिवार से आते हैं और पढ़ाई का खर्च निकालने के लिए अपने पिता के साथ बचपन में चाय और अखबार बेचते थे.
नवनियुक्त मौर्य को कट्टरपंथी हिंदू नेता माना जाता है. वह अत्यंत पिछड़ा वर्ग से ताल्लुक रखते हैं. उनकी नियुक्ति को 32 प्रतिशत आबादी वाले इसी वर्ग को लुभाने के प्रयास केरूप में देखा जा रहा है.भाजपा प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा, ‘‘भाजपा एकमात्र ऐसा दल है, जिसमें सामान्य कार्यकर्ता शीर्ष पद तक पहुंच सकता है. मौर्य बचपन से ही आरएसएस से जुड़े रहे. वह बजरंग दल के पूर्णकालिक सदस्य रहे और 12 साल तक विश्व हिंदू परिषद में रहे.’
विपक्ष ने हालांकि मौर्य की आपराधिक पृष्ठभूमि का हवाला देकर उनकी नियुक्ति की आलोचना की है. कांग्रेस नेता अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि कोई भी पार्टी किसे प्रमुख बनाती है, ये उसका अधिकार है. वस्तुत: उत्तर प्रदेश की जनता मोदी राज से उब चुकी है और अब भाजपा को सबक सिखाने की तैयारी कर रही है.पाठक ने हालांकि सफाई दी कि लोकसभा चुनाव में दाखिल किया गया हलफनामा देखिये, अधिकांश मामले राजनीति से प्रेरित हैं.