मेरठ : उत्तर प्रदेश के मेरठ छावनी इलाके में तबाही मचाने वाला तेंदुआ आखिर पकड़ में आ गया है. मंगलवार की सुबह इलाके में घुसा तेंदुआ आखिरकार लंबी मशक्कत के बाद वन विभाग के कब्जे में आ ही गया. पकडे जाने से पहले तेंदुए की चपेट में आकर छह लोग घायल हो चुके हैं.
तेंदुए के पकडे जाने के बाद वन विभाग, पुलिस और प्रशासन के साथ ही स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश चंद्र दुबे ने बताया कि वन विभाग की टीम ने लंबी मशक्कत के बाद आज पूर्वाह्न लगभग 11 बजे तेंदुए को पकड लिया. उन्होंने कहा कि तेंदुए को छावनी इलाके में स्थित 60 इंजीनियर्स जेसीओ मेस के पुराने गोदाम से पकडा गया जहां वह कल सुबह से छिपा बैठा था. मौके पर मौजूद वन संरक्षक एच.के. अवस्थानी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि पकडा गया तेंदुआ मादा है जिसकी उम्र करीब दो-ढाई साल है. उन्होंने बताया कि ट्रैंकुलाइजर गन शॉट के बाद तेंदुए ने भगने की कोशिश में एक चिकित्सक को घायल कर दिया, जो ट्रैकुलाइजर गन लिये खडे थे.
वन संरक्षक के अनुसार तेंदुए का उपचार किया जा रहा है. उपचार के बाद तेंदुए को सहारनपुर जनपद में शिवालिक के जंगलों में छोड दिया जाएगा. गौरतलब है कि सेना अस्पताल परिसर की दीवार फांदने के दौरान तेंदुए का पंजा किसी नुकीली चीज की चपेट में आ गया था जिससे वह जख्मी हो गया था. तेंदुआ मेरठ के छावनी इलाके में मंगलवार की सुबह सेना अस्पताल के पास देखा गया था. इसके बाद से ही उसे पकडने के लिए वन विभाग का पूरा अमला सेना और पुलिस के सहयोग से जुटा हुआ था.
तेंदुए को पकडने के लिए कानपुर चिडिया घर, दुधवा नेशनल पार्क और दिल्ली समेत कई स्थानों से विशेषज्ञों की टीम आई हुई थी. तेंदुए ने वन विभाग की टीम को खूब छकाया. इधर-उधर भागते हुए उसने आधा दर्जन लोगों को घायल कर दिया था. तेंदुए के हिंसक होने के चलते शहर और छावनी इलाके में लोग दहशत में थे. स्कूल और कॉलेजों में जिलाधिकारी के आदेश पर अवकाश घोषित कर दिया गया था.