बाराबंकी : संप्रग सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे और कल ही कांग्रेस छोड सपा का दामन थामने वाले बेनी प्रसाद वर्मा ने आज कहा कि राजनीति में आकर कोई सन्यासी नहीं हो जाता। अपने और समाज के विकास के लिए पद और सत्ता दोनों आवश्यक हैं.अकसर विवादास्पद बयानों के लिए चर्चा में रहने वाले बेनी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘राजनीति सन्यासियों के लिए नहीं होती है, पद और सत्ता के लिए होती है. तभी देश, प्रदेश और समाज का विकास संभव होता है.” बेनी से सवाल किया गया था कि विपक्षियों का आरोप है कि वह अवसरवादी हैं. सत्ता के लिए कांग्रेस का दामन छोड सपा में शामिल हो गये हैं.
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राजनीति में आकर कोई सन्यासी नहीं हो जाता : बेनी वर्मा
बाराबंकी : संप्रग सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे और कल ही कांग्रेस छोड सपा का दामन थामने वाले बेनी प्रसाद वर्मा ने आज कहा कि राजनीति में आकर कोई सन्यासी नहीं हो जाता। अपने और समाज के विकास के लिए पद और सत्ता दोनों आवश्यक हैं.अकसर विवादास्पद बयानों के लिए चर्चा में रहने वाले बेनी […]
जब सवाल किया गया कि उनकी सपा में वापसी से पार्टी के कुछ नेताओं में भय व्याप्त हो गया है कि अब पार्टी में उनकी पहले जैसी भूमिका रहेगी या नहीं तो वह बोले, ‘‘हम सपा में सभी का फायदा कराने के लिए आये हैं ना कि किसी का नुकसान करने। यहां सब पौधे हमारे ही लगाये हुए हैं. हम इन्हें काटने का प्रयास क्यों करेंगे.” इस सवाल पर कि कभी उन्होंने सपा को गुंडों और भ्रष्टाचारियों की पार्टी कहा था, बेनी ने कहा कि जब विपक्ष में थे तो विरोध में बोलते थे. आज पूरे समाज में यह समस्या निरंतर बढ रही है. इसके लिए हम सभी को अच्छा बनना होगा, तभी समाज स्वच्छ और सुंदर होगा.
उन्होंने दावा किया कि वह कांग्रेस में जरुर थे लेकिन दिल सपा में ही था. मुलायम सिंह यादव (सपा प्रमुख) से बात हुआ करती थी. इधर आरोप प्रत्यारोप के बीच दो वर्ष से कांग्रेस में हमारा दम घुटने लगा था। मुलायम सिंह यादव से कल बात हुई और उन्होंने बुलाकर सपा की सदस्यता दिला दी.
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