लखनऊ : राष्ट्रीय लोक दल रालोद के मुखिया अजित सिंह के साथ गठबंधन को लेकर समाजवादी पार्टी में गतिरोध खुलकर सामने आ गया है. रालोद के साथ गठबंधन को लेकर सपा मुखिया मुलायम सिंह के परिवार में एक राय बनती नहीं दिख रही है. इस मामले में एक ओर जहां पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव रालोद के साथ गठबंधनकेपक्ष में नहीं दिखरहे है. वहीं सपा के प्रदेश प्रभारी शिवपाल सिंह यादव ने सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ गठबंधन के लिए अजित सिंह के साथ आने को जरूरी बताया है. इन सबके बीच सपा आलाकमान अभी इस मामले में तटस्थ बने हुए हैं.
गौर होकिसपामुखिया मुलायम सिंह यादव और रालोद प्रमुख अजित सिंहकीहाल ही में हुई बातचीत के बाद राजनीतिक हलकों में सपा-रालोद गठबंधन को लेकर कयासबाजी शुरू हो गयी थी. इस दाैरान अजित सिंहको राज्यसभा भेजे जाने को लेकर भीचर्चा गरमरही. इन सबके बीच सोमवार को सपा के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादवकी ओररालोद के साथ गठबंधन को लेकर की गयी बयानबाजी के बादअजित सिंह के राज्यसभा जाने की अटकलों पर विराम लगता दिख रहा है. लेकिन सूत्रों की मानें तो गठबंधन की संभवानाएं अब भी बनी हुई है.
मीडिया रिपोट्स के मुताबिक ऐसे संकेत मिल रहे है कि जयंत चौधरी के पांच जून को आस्ट्रेलिया से वापसी के बाद इस मुद्दे पर अगले दौर की बातचीत संभव है. हालांकि सपानेताओं के बीच इसमुद्दे को लेकर विरोधाभास खुलकर सामने आ गया है.
सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने कल फिरोजाबाद में रालोद प्रमुख अजित सिंह पर जमकर हमला बोला और कहा, वे भरोसे के लायक नहीं है. रालोद अपनी विश्वसनीयता खो चुकी है और ऐसे दल के साथ गठबंधन करने से किसी भी दल को कोई लाभ नहीं मिलने वाला है.
वहीं, शिवपाल यादव नेसंभल में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए रालोद के साथ गठबंधन जरूरी है. उन्होंने कहा कि रालोद प्रमुख के साथ बातचीत जारी है और गठबंधन को लेकर पार्टी मुखिया और अजित सिंह मिलकर तय करेंगे.
मालूम हो कि इससे पहले अमर सिंह कीवापसीको लेकर भी रामगोपाल यादव एवंमंत्री आजमखान नाराजगी जाहिर कर चुके हैं. हालांकि मुलायम सिंह धीरे-धीरे सभी को एकजुट करने मेंलगे हैं.