राम मंदिर का निर्माण चुनावी मुद्दा नहीं : रविशंकर प्रसाद
मथुरा : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले फिर एक बार राम मंदिर का मुद्दा गरमाने लगा है जिसके बाद पिछले दिनों हिंदू और मुस्लिम नेताओं की बैठक हुई. मामले को लेकर केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण ‘‘आस्था का मामला’ है, […]
मथुरा : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले फिर एक बार राम मंदिर का मुद्दा गरमाने लगा है जिसके बाद पिछले दिनों हिंदू और मुस्लिम नेताओं की बैठक हुई. मामले को लेकर केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण ‘‘आस्था का मामला’ है, न कि यह चुनावी मुद्दा है. उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण आस्था का मामला है. यहां तक कि वर्ष 1990 में भी यह चुनावी मुद्दा नहीं था. भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि वर्ष 2017 में होने जा रहे उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार के दौरान राम मंदिर का निर्माण मुद्दा नहीं होगा.
यमुना की सफाई के बारे में उन्होंने कहा ‘‘हम यमुना के प्रदूषण के बारे में तदर्थ व्यवस्था नहीं चाहते. इस दिशा में रचनात्मक एवं आवश्यक कार्य शुरु हो चुका है.’ प्रसाद ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘शहंशाह’ बताने वाली टिप्पणी को खारिज करते कहा कि वे तो स्वयं को पहले दिन से ही जनता का ‘प्रधान सेवक’ कहते हैं. प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा कि आपको याद होगा प्रधानमंत्री ने जनता को संबोधित करते हुए पद संभालने के पहले ही दिन स्पष्ट कर दिया था कि वह देश के प्रधानमंत्री जरुर बन गए हैं किंतु असल में वे जनता के लिए ‘प्रथम सेवक’ ही हैं और उन्होंने यही संदेश हमें भी दिया है.
उन्होंने कहा, ‘‘इसके अनुसार मैं स्पष्ट रुप से कह सकता हूं कि वे (प्रधानमंत्री) ‘प्रथम सेवक’ हैं और हम सब (मंत्रिमण्डलीय सहयोगी) ‘छोटे सेवक’ है. उन्होंने कहा, ‘यह तो कांग्रेस के लोगों को सोचना चाहिए कि जहां एक परिवार के आगे सब नतमस्तक हो जाते हैं. ‘ गौरतलब है कि रायबरेली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर मनाए जा रहे जश्न (विकास पर्व) को अवांछित बताते हुए कहा था कि उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि वे एक प्रधानमंत्री हैं, कोई शहंशाह नहीं, जो इस प्रकार से जश्न मना रहे हैं. ऐसा तो पहले कभी नहीं देखा गया। वो भी तब जब देश में गरीबी है, सूखा है और किसान आत्महत्या कर रहे हैं.