लखनऊ: देश की राजधानी दिल्ली से सटे दादरी के मोहम्मद अखलाक के घर से मिले मांस की फोरेंसिक लैब की जांच रिपोर्ट आने के बाद मामला एक बार फिर गरमा गया है. मथुरा फोरेंसिक लैब की जांच रिपोर्ट में ये कहा गया है कि अखलाक के घर से जो मांस मिला था वो बीफ ही था. कोर्ट के आदेश के बाद फोरेंसिक लैब की जांच रिपोर्ट को मंगलवार को सार्वजनिक गया गया था जिसके बाद नेताओं की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हुई. इसी क्रम में गोरखपुर से भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ ने इस हत्या के केस में गिरफ्तार 18 आरोपियों की रिहा करने की मांग की है साथ ही अखलाक के परिवार से मुआवजा और फ्लैट वापस लेने की भी मांग की है. आदित्यनाथ ने सपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस जांच रिपोर्ट ने धर्मनिरपेक्षता और विपक्षी दलों के पोल को खोल कर रख दिया है.
आपको बता दें कि दादरी में हुई घटना में अखलाक नामक एक शख्स की मौत हो गई थी जिसके बाद हत्या के आरोप में 18 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. रिपोर्ट आने के बाद अब आरोपियों के परिवार का कहना है कि पूरे मामले की नए सिरे से सीबीआई जांच होनी चाहिए. गोहत्या का मामला दर्ज होना चाहिए. गौरतलब है कि फॉरेंसिक रिपोर्ट में यह साबित हो गया है कि दादरी के बिसहाड़ा की हुई घटना में मारे गए अखलाक के घर में जो मांस था वह बीफ ही था. कानूनन उत्तर प्रदेश में बीफ काटने पर पाबंदी है लेकिन यदि कोई बाहर से लाकर बीफ खाता है तो उसपर कोई प्रतिबन्ध नहीं लगाया गया है.
दादरी की घटना को असहिष्णुता और बीफ बैन से जोड़कर काफी विरोध किया गया था इतना ही नहीं मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए साहित्यकारों और फिल्म मेकर्स समेत कई लोगों ने सरकारी अवॉर्ड लौटाए थे और इसका एक क्रम बन गया था. घटना के बाद गांव में कई दिनों तक तनाव के हालात रहे थे जिसके बाद यहां पीएसी की कंपनी तैनात करनी पड़ी थी. अखिलेश सरकार ने पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये के मुआवजे का एलान भी किया था.