मथुरा में गोलीबारी के आरोपी को यूपी सरकार देती थी 15 हजार का पेंशन

नयी दिल्ली/ मथुरा : मथुरा के जवाहरबाग में खूनी खेल के मुख्य आरोपी रामवृक्ष यादव को उत्तर प्रदेश सरकार हर महीने 15 हजार रूपये पेंशन देती थी. रामवृक्ष को यूपी सरकार मीसा( लोकतंत्र रक्षक सेनानी ) के तहत पैसा मिलता था. इसी पेंशन के दम पर रामवृक्ष जगह- जगह घूमकर अपने संगठन को मजबूत करता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 4, 2016 4:47 PM

नयी दिल्ली/ मथुरा : मथुरा के जवाहरबाग में खूनी खेल के मुख्य आरोपी रामवृक्ष यादव को उत्तर प्रदेश सरकार हर महीने 15 हजार रूपये पेंशन देती थी. रामवृक्ष को यूपी सरकार मीसा( लोकतंत्र रक्षक सेनानी ) के तहत पैसा मिलता था. इसी पेंशन के दम पर रामवृक्ष जगह- जगह घूमकर अपने संगठन को मजबूत करता रहा और अपनी जीविका चलाता रहा. रामवृक्ष भले ही सरकार से पेंशन लेता था लेकिन वह आजाद हिंद फौज के नोट बाजार में चलाना चाहता था. उसका संगठन इस तरह के कई मांगों को लेकर लड़ता था जिससे लागू करना आसान नहीं है.

जवाहरबाग में सालों से कब्जा जमाये रामवृक्ष के लोगों को जब इसे खाली करने के लिए कहा गया तो गोलियां चलने लगी. और पुलिस के दो जवान शहीद हो गये. अब यूपी सरकार बचाव की मुद्रा में है. दोषियों पर कार्रवाई का भरोसा दिया जा रहा है.रामवृक्ष कहां है इसकी जानकारी अबतक नहीं मिली है. उसकी मौत हो गयी या वो फरार है इसे लेकर भी अबतक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है.
रामवृक्ष के समर्थक उसके जोश में दिये भाषण से बेहद प्रभावित होते थे. रामवृक्ष ने अपने संगठन की रक्षा के लिए हथियार इकट्ठा कर लिये थे. रामवृक्ष कई जगह अपने संगठनों का प्रचार किया करता था. अपने संगठन के उद्देश्य और लक्ष्यों को आम लोगों के सामने रखता था. जवाहरबाग में उसने एक तरह से संगठन का केंद्र बनाकर रखा था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी यूपी सरकार इसे खाली नहीं करा पायी थी दूसरी बार जब अवमानना का नोटिस दाखिल किया गया था सुप्रीम कोर्ट ने सख्त लहजे में जवाहरबाग को खाली कराने का आदेश दिया. पुलिस जब वहां के हालात का जायजा लेने पहुंची तो रामवृक्ष के लोगों ने पुलिस पर हमला कर दिया. गोलीबारी में दो पुलिस के जवान मारे गये.

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