नयीदिल्ली : इस बात की अटकलें आज तेज हो गयीं किकांग्रेस दिल्ली में तीन बार मुख्यमंत्री रह चुकीं शीला दीक्षित को अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की मुख्यमंत्री पद की दावेदार घोषित करने की योजना बना रही है.
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने सिफारिश की है कि शीला को राज्य में पार्टी के चुनाव प्रचार अभियान मेंबड़ी भूमिका निभानी चाहिए क्योंकि वह जाना-पहचाना ब्राह्मण चेहरा हैं और कांग्रेस को इस महत्वपूर्ण राज्य में इस समुदाय का वोट दिला सकती हैं, जिसका वोट कई सीटों पर नतीजों को प्रभावित करता है.
जानकारों का मानना है कि कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक रहे ब्राह्मण समुदाय के लोग मंदिर-मंडल की राजनीति के उभरने के बाद भाजपा के पाले में चले गये थे. इस बीच मायावती की बसपा को भीबड़ी संख्या में ब्राह्मणों का वोट मिलने लगा.
शीला दीक्षित आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकती हैं.
इस तरह की अटकलें हैं कि 78 वर्षीय शीला को कांग्रेस का मुख्यमंत्री पद का दावेदार बनाया जा सकता है. वह उत्तर प्रदेश के जानेमाने कांग्रेसी नेता उमाशंकर दीक्षित की पुत्रवधू हैं. उमाशंकर लंबे समय तक केंद्रीय मंत्री और राज्यपाल रहे.
हालांकि शीला दीक्षित का नाम कमलनाथ के इस्तीफे के बाद चुनावी राज्य पंजाब का प्रभारी बनाये जाने के रूप में भी सामने आ रहा है.