लखनऊ : बाहुबली मुख्तार अंसारी और उनके भाई अफजाल अंसारी की कौमी एकता पार्टीके समाजवादी पार्टी में विलय से उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बेहद नाराज हैं. उनकी नाराजगी का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने आज अपने सारे सरकारी कार्यक्रम रद्द कर दिया है और लगातार पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं. टीवी रिपोर्ट के अनुसार, अखिलेश यादव ने अपने चाचा व राज्य सरकार के ताकतवर मंत्री शिवपाल सिंह यादव को भी इस मुद्दे पर मिलने के लिए बुलाया है. सूत्रों का कहना है कि कौमी एकता दल का समाजवादी पार्टी में विलय का कल का फैसला रद्द हो सकता है.
ध्यान रहे कि शिवपाल सिंह यादवही वह शख्स हैं, जिन्होंने कल कौमी एकता दल के समाजवादी पार्टी में विलय का एलान किया था. इस मामले में उत्तरप्रदेश सरकार के एक मंत्री बलराम यादव को अखिलेश की नाराजगी की वजह से कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा है. कहा जा रहा है कि बलराम यादव ने ही मुख्तार की पार्टी का समाजवादी पार्टी में विलय की पैरवी की थी. बहरहाल, इस विवाद से मुलायम सिंह यादव परिवार का राजनीतिक कलह भी सामने आया है.
उधर, कौमी एकता दल के अध्यक्ष अफजाल अंसारी ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा है कि मुख्तार अंसारी पार्टी के पदाधिकारी नहीं हैं और जिन लोगों को कल सपा में शामिल किया गया है उस सूची में उनका नाम नहीं है. उन्होेंने कहा कि मुख्तार अंसारी को पार्टी ने सिर्फ चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया है. अफजाल अंसारी ने कहा है कि वोटों के बंटवारे को रोकने के लिए हमलोग इस फैसले की आर बढ़े थे, ताकि भाजपा को रोका जा सके.
वहीं, शिवपाल सिंह यादव ने कहा है कि मुलायम सिंह यादव से अनुमति लेकर ही कौमी एकता दल का समाजवादी पार्टी में विलय किया गया था. उन्होंने इस बात को भी खारिज किया कि बलराम यादव ने कौमी एकता दल या मुख्तार अंसारी के समा में शामिल होने की पैरवी की थी.
फैसले से दुखी नहीं हूं : बलराम यादव
कैबिनेट से बाहर होने के बाद बलराम यादव ने मीडिया को दिये भावुक बयान में कहा कि वे स्थापना काल से समाजवादी पार्टी में हैं और मुलायम सिंह यादव से उनके रिश्ते अपरिवर्तनीय है. उन्होंने कहा कि पार्टी ने जो भी दायित्व दिया है उसे पूरी ईमानदारी और निष्ठा से पूरा की है. उन्होंने कहा कि मैं पार्टी के फैसले का स्वागत करता हूं और इस फैसले से दुखी नहीं हूं.