लखनऊ :बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) प्रमुख मायावती ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी पर करारा प्रहार किया और दोनों पार्टियों के बीच सांठगांठ होने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि यूपी में समाजवादी पार्टी सरकार पूरी तरह फेल रही है. यहां कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है.मायावती ने कहा कि कांग्रेस की राह पर केंद्र की भाजपा सरकार चल रही है जो लोगों के भरोसे पर खरा नहीं उतर रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने उत्तर प्रदेश को लेकर बेतुका बयान दिया है जिसकी मैं निंदा करती हूं. प्रदेश में अपनी कमजोर स्थिति देखते हुए भाजपा, समाजवादी पार्टी के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं कर रही है.
मायावती ने केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर उत्तर प्रदेश में अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी से भागने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि केंद्र सरकार को वर्ष 1992 में अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस के बाद उठाये गये कदम की तरह राज्य में व्याप्त गुंडाराज के मद्देनजर राष्ट्रपति शासन लागू कर लोकसभा चुनाव के दौरान किया गया वादा पूरा करना चाहिये. मायावती ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘जब उत्तर प्रदेश में सपा सरकार के रहते केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी तब भाजपा के लोग अक्सर कानून-व्यवस्था का जिक्र करते हुए राज्यपाल और केंद्र सरकार से अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी उठाने की बात करते थे। भाजपा ने यह कहकर काफी वोट भी लिये थे कि सत्ता में आने पर उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाया जाएगा, लेकिन अब यह पार्टी कांग्रेस की ही तरह संवैधानिक जिम्मेदारी निभाने से बच रही है.’
उन्होंने कहा कि संविधान में ध्वस्त कानून-व्यवस्था के कारण राजकाज न चला पाने की वजह से केंद्र द्वारा हस्तक्षेप करने का प्रावधान है. अयोध्या में हुई हिंसा के फलस्वरुप 1992 में भाजपा सरकार को बखार्स्त कर राष्ट्रपति शासन लगाया गया था. उसी तरह उत्तर प्रदेश के मौजूदा हालात में किया जाना चाहिये लेकिन सपा-भाजपा की अंदरुनी मिलीभगत की वजह से ऐसा कुछ नहीं किया जा रहा है. मायावती ने कहा कि बसपा संवैधानिक प्रावधानों के तहत ही पिछले काफी समय से उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर रही है. बसपा अध्यक्ष ने कहा कि पिछले एक-दो दिन से खासकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह अपनी जनसभाओं में प्रदेश के गुंडाराज का जिक्र कर यह बात बार-बार कह रहे हैं कि क्या उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था को अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा सम्भालेंगे. जब केंद्र सरकार ही कुछ नहीं कर रही है तो ऐसे में शाह का यह बयान बचकाना और गैर जिम्मेदाराना है.
मायावती ने कहा कि ऐसा लगता है कि भाजपा प्रदेश में अपनी कमजोर स्थिति के कारण सपा सरकार के खिलाफ कार्रवाई से गुरेज कर रही है. प्रदेश में भाजपा की बिगडी स्थिति का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि उसकी रैलियों में बाहर के राज्यों से लाकर भीड जुटायी जाती है, या फिर चुनाव टिकट का आश्वासन देकर भीड लायी जाती है. भाजपा उत्तर प्रदेश में बसपा के बढते जनाधार से घबरायी हुई है. उन्होंने कहा कि प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश की जनता ने लोकसभा चुनाव में भाजपा से किये गये वादे पूरे न होने का धोखा खाया है, अब जहां भी विधानसभा चुनाव होंगे वहां जनता भाजपा के किसी भी वादे के बहकावे में नहीं आएगी. अगर इस पार्टी को वोट लेने हैं तो उसे लोकसभा चुनाव में किये गये वादे विधानसभा चुनाव से पहले जमीनी तौर पर जरुर पूरे कराने होंगे, लेकिन उसके चाल-चरित्र और चेहरे से ऐसा नहीं लगता है.
मायावती ने आरोप लगाया कि किसानों को मिलने वाली आयकर छूट का फायदा बडे धन्नासेठ उठा रहे हैं. आयकर विभाग ने प्रधानमंत्री को इस बारे में पत्र भी लिखा था. अब देखना है कि क्या कार्रवाई होगी। इस कर चोरी का धन अगर किसानों पर खर्च किया जाए तो अच्छा होगा. बसपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा और उसके राष्ट्रीय नेताओं द्वारा अपनी कमजोरियों से पर्दा डालने के लिये बयानबाजी करने से पार्टी को कोई खास सफलता नहीं मिलने वाली है. उत्तराखण्ड की तरह उत्तर प्रदेश और पंजाब में भी अपनी विरोधी पार्टियों में खासकर धनबल के जरिये तोडफोड करने से यह पार्टी इन राज्यों की सत्ता में नहीं आएगी. इस बारे में उसे खास तौर से बिहार के अनुभव से सीखना चाहिये. उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि खासकर हमारी मेरी पार्टी ने देश की किसी भी राज्य में किसी के आने या जाने से पार्टी के मनोबल और जनाधार पर कोई असर नहीं पडता है. मायावती ने केंद्र से आग्रह किया कि वह उत्तराखण्ड में भारी वर्षा से जान-माल का खासा नुकसान हुआ है, उसकी दलगत राजनीति से उपर उठकर हर स्तर पर मदद करे.