अनुप्रिया पटेल के मंत्री बनने पर अपना दल में खत्म हुआ अपनापन, मां ने टीवी सेट भी नहीं किया ऑन
लखनऊ : अपना दल के टिकट व भाजपा से गंठबंधन कर यूपी की मिर्जापुर सीट से लोकसभा पहुंची अनुप्रिया पटेल ने आज मोदी मंत्री परिषद में केंद्रीय राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली. इस शपथ ग्रहण के साथ ही अनुप्रिया पटेल और उनकी मां कृष्ण पटेल के बीच रहा-सहा अपनापन भी खत्म हो गयी. […]
लखनऊ : अपना दल के टिकट व भाजपा से गंठबंधन कर यूपी की मिर्जापुर सीट से लोकसभा पहुंची अनुप्रिया पटेल ने आज मोदी मंत्री परिषद में केंद्रीय राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली. इस शपथ ग्रहण के साथ ही अनुप्रिया पटेल और उनकी मां कृष्ण पटेल के बीच रहा-सहा अपनापन भी खत्म हो गयी. अनुप्रिया पटेल ने भाजपा में अपना उज्ज्वल भविष्य देखते हुए अपने नेतृत्व वाले अपना दल के धड़े का भाजपा में विलय करने का संकेत दिया है. हालांकि आज मंत्री पद की शपथ लेने के बाद उन्होंने इस बात पर अपने पत्ते नहीं खोले कि उनके धड़े का भाजपा में विलय हुआ है या नहीं. उल्टे अनुप्रिया पटेल ने कहा कि वे आज हो कुछ हैं अपने माता-पिता के आशीर्वाद से हैं.
उधर, उनकी मां व अपना दल की अध्यक्ष कृष्णा पटेल भाजपा नेतृत्व द्वारा खुद से बातचीत किये बिना अनुप्रिया पटेल को कैबिनेट में लिये जाने से नाराज हैं और संभव है कि उनकी पार्टी एनडीए गंठबंधन से बाहर हो जाये. कृष्ण पटेल ने कहा है कि अनुप्रिया पटेल अपना दल में नहीं हैं और उन्हें पिछले ही साल उन्होंने पार्टी से बाहर निकाल दिया. उन्होंने एक न्यूज चैनल से कहा कि जो स्वार्थ में मां की नहीं हुई वह मोदी की क्या होगी. उधर, कृष्ण पटेल के समर्थक अपना दल सांसद हरिवंश सिंह ने कहा है कि भाजपा नेतृत्व को कृष्ण पटेल से बात कर ही अनुप्रिया को मंत्री बनाने पर फैसला लेना चाहिए, ऐसा नहीं किये जाने से हमारी राष्ट्रीय अध्यक्ष दुखी हैं. वहीं, अनुप्रिया पटेल ने कहा है कि हरिवंश सिंह पार्टी के बल पर भी संसद का मुंह देख पाये हैं और उनकी हैसियत नहीं है कि वे मुझ पर कुछ बोलें.
उल्लेखनीय है कि पिछले साल अक्तूबर में अनुप्रिया को मां ने महासचिव पद से हटा दिया था. मां ने अपनी बड़ी बेटी पल्लवी पटेल को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया था, जिसके बाद वर्चस्व की लड़ाई और तेज हो गयी थी. आज अनुप्रिया के शपथ ग्रहण में उनकी दो अन्य बहनें शामिल हुईं. अपना दल के संस्थापक सोनेलाल पटेल अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन कुर्मी समाज के बड़े नेता व पूर्वांचल में अपने समुदाय में अच्छी पकड़ रखने वाले इस परिवार के बीच कलह चरम पर है.