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PM मोदी की सिफारिश के बाद भी रोजगार के लिये बैंक ने नहीं दिया लोन

कानपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वरोजगार की मदद के लिये की गयी सिफारिश भी लकड़ी की शीट पर गीता उकेरने वाले बेरोजगार कारपेंटर संदीप सोनी के काम न आयी और वह अपना रोजगार खड़ा करने के लिये आज चार महीने बाद भी सरकारी कार्यालयों और बैंकों के चक्कर काट रहा है. संदीप को अभी […]

कानपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वरोजगार की मदद के लिये की गयी सिफारिश भी लकड़ी की शीट पर गीता उकेरने वाले बेरोजगार कारपेंटर संदीप सोनी के काम न आयी और वह अपना रोजगार खड़ा करने के लिये आज चार महीने बाद भी सरकारी कार्यालयों और बैंकों के चक्कर काट रहा है. संदीप को अभी तक प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत बैंक कोई मदद नही कर रहे है. कानपुर के कारपेंटर संदीप सोनी ने साढ़े तीन साल की मेहनत के बाद लकड़ी की शीट के 32 पन्नों पर श्रीमदभागवत गीता के 18 अध्याय और 706 श्लोक लिखे थे जिसे उसने दिल्ली में 8 मार्च 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिखाया था.

मोदी ने की थी तारीफ

प्रधानमंत्री मोदी ने संदीप की तारीफ तो की ही थी साथ ही उसके साथ अपना फोटो ट्विटर पर भी डाला था. प्रधानमंत्री से संदीप ने कहा था कि वह अपनी इस कारपेंटर के काम को कौशल विकास योजना के तहत बढ़ाना चाहता है और एक छोटा सा कारखाना खोलना चाहता है जिसमें वह बेरोजगार युवाओं का कौशल विकास करना चाहता है जिस पर प्रधानमंत्री ने उसे मदद करने का पूरा आश्वासन दिया था. कानपुर के बर्रा इलाके में रहने वाले संदीप सोनी ने बताया कि प्रधानमंत्री ने उसे पीएमओ में एक अधिकारी से मिलने भेजा. उस अधिकारी ने उसकी सारी योजना को समझा तथा शीघ्र ही प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत उसकी मदद का आश्वासन दिया.

कानपुर आकर बनाया प्रोजेक्ट

कारपेंटर ने बताया कि वहां मुलाकात के बाद कानपुर लौट आया. यहां उसे पांच दिन बाद कानपुर के राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम के एक अधिकारी का फोन आया और उन्होंने उससे मिल कर उसकी पूरी योजना को समझा तथा उसकी योजना का एक पूरा प्रोजेक्ट उससे बनवाया. इस प्रोजेक्ट का खर्च करीब 25 लाख रुपये था. संदीप द्वारा प्रोजेक्ट की फाइल बनाये जाने के बाद एनसआईसी के अधिकारी राकेश केसरवानी ने इस प्रोजेक्ट को जिला उद्योग केंद्र कानपुर को भेजा जहां उपायुक्त अनिल कुमार ने इस प्रोजेक्ट को मई माह में बैंक आफ बडौदा को भेज दिया.

बैंक ने नहीं की मदद

संदीप ने बताया कि जब वह बैंक पहुंचा तो बैंक ने पहले उससे जहां उदयोग लगाना चाहता है उस स्थान का 11 महीने का किरायेदारी का एग्रीमेंट बनवा कर लाने को कहा. जो उसने बनावाकर बैंक को दे दिया. बैंक ने उसे 10 दिन बाद बुलाया. जब वह दस दिन बाद बैंक गया तो उससे किरायेदारी का पांच साल का एग्रीमेंट बनवाने और बिजली का पांच किलोवाट का कनेक्शन लेने को कहा गया. बेरोजगार संदीप ने किसी तरह से पांच साल का किरायेदारी का एग्रीमेंट बनवाकर बैंक को दे दिया तथा मई महीने से नौ हजार रुपये महीने किराया भी देने लगा. इसके बाद 14 जुलाई 2016 को बैंक आफ बड़ौदा ने उसे 25 लाख रुपये का सामान्यऋण स्वीकृृत कर दिया लेकिन इसमें प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम का कही नाम नहीं था.

बैंक ने पीएम की योजना का लोन नहीं दिया सामान्य लोन

संदीप जब यह लोन सैक्शन का कागज लेकर एनएसआईसी के अधिकारियों के पास गया तो उन्होंने कहा कि यह तो आम जनता को मिलने वाला सामान्य लोन है. इस पर प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत मिलने वाली सब्सिडी उसे नहीं मिलेंगी. यह सुनकर संदीप के होश उड़ गये और वह फिर बैंक के चक्कर लगा रहा है लेकिन बैंक ऑफ बड़ौदा के अधिकारी बाद में आना कह कर उसे टरका रहे है. इस बारे में जब एनएसआईसी के मैनेजर राकेश केशरवानी से बातकी गयी तो उन्होंने कहा कि उनके विभाग को प्रधानमंत्री कार्यालय से चिट्ठी आई थी जिसके बाद उन्होंने संदीप को प्रोजेक्ट बनवाने में मदद की थी तथा उसके बाद जिला उदयोग केंद्र को उसकी फाइल भेज दी थी.

बैंक ने दिया जांच का भरोसा

इस पर पीटीआई ने डिस्ट्रक्टि इंडस्टीज सेंटर कानपुर के असिस्टेंट कमिश्नर अनिल कुमार से बात की तो उन्होंने कहा कि उन्होंने तो संदीप के प्रोजेक्ट को मंजूरी देते हुए इसकी फाइल तैयार करके बैंक ऑफ बड़ौदा को भेज दी थी, अगर अभी तक कुछ नहीं हुआ है तो एक बार फिर बैंक के अधिकारियों से बात करेंगे.. इस पर पीटीआई ने बैंक आफ बडौदा गोविंदनगर के रीजनल मैनजर संजय निगम से बात की तो उन्होंने कहा कि संदीप को लोन पास कर दिया गया है लेकिन जब उनसे कहा गया कि उसे तो सामान्य लोन दिया गया है न कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत, इससे संदीप को सब्सिडी नहीं मिलेंगी. इस पर उन्होंने कहा कि वह इस मामले को देखेंगे कि कहां गडबड हुई है. उन्होंने कहा कि उनके पास बहुत से काम रहते है फिर भी वह इस मामले को प्राथमिकता से देखेंगे.

संदीप ने कहा चार माह से दौड़ा रहे हैं

उधर बेरोजगार संदीप का कहना है कि साहब प्रधानमंत्री मोदी ने तो मेरी मदद का आश्वासन दिया था और पीएमओ के अधिकारियों ने कानपुर के अधिकारियों को मेरे काम के लिये चिट्ठी भी लिखी थी लेकिन यहां बैंक और अन्य विभागों के अधिकारी पिछले चार माह से मुझे दौडा रहे है और मैं उधार पैसा लेकर उनके बताये हुये कागज बनवा रहा हूं लेकिन उसके बाद भी मुझे अभी तक एक भी पैसा नही दिया गया है.

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