UP कैबिनेट में सातवें वेतन आयोग के प्रस्ताव पर बनी सहमति

लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य सरकार के कर्मचारियों को सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की संस्तुतियों के अनुसार वेतन एवं भत्तों के पुनरीक्षण पर युक्तियुक्त संस्तुति देने के एक वेतन समिति के गठन का निर्णय किया है, जो छह महीने में अपनी रिपोर्ट देगी. सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि यह निर्णय आज मुख्यमंत्री अखिलेश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 18, 2016 9:57 PM

लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य सरकार के कर्मचारियों को सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की संस्तुतियों के अनुसार वेतन एवं भत्तों के पुनरीक्षण पर युक्तियुक्त संस्तुति देने के एक वेतन समिति के गठन का निर्णय किया है, जो छह महीने में अपनी रिपोर्ट देगी. सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि यह निर्णय आज मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में लिया गया.

कमेटी पेश करेगी रिपोर्ट

उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद ने इस समिति के अध्यक्ष को नामित करने का अधिकार मुख्यमंत्री को सौंप दिया है. प्रवक्ता ने यह भी बताया कि इसके साथ ही प्रमुख सचिव नियोजन विभाग तथा प्रमुख सचिव कार्मिक विभाग की तरफ से नामित प्रतिनिधि के सदस्य तथा सचिव वित्त :वेतन आयोग : इस समिति के सदस्य सचिव होंगे. यह समिति राज्य कर्मचारियों, सहायता प्राप्त शिक्षण एवं प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं के शिक्षकों एवं शिक्षणेतर कर्मचारियों, स्थानीय निकायों, जिला पंचायतों, विकास प्राधिकरणों, सार्वजनिक उपक्रमों, निगमों एवं स्वशासी संस्थाओं के कर्मचारियों के संबंध में अपनी संस्तुतियां राज्य सरकार को छह माह में प्रस्तुत करेगी.

मोबाइल मेडिकल यूनिट परिचालन को मंजूरी

उन्होंने बताया कि समिति से यह भी कहा गया है कि वह अपनी संस्तुतियां देते समय राज्य के वित्तीय संसाधनों एवं विकास संबंधी अन्य प्रतिबद्धताओं को भी ध्यान में रखेगी. मंत्रिपरिषद ने जनहित के मद्देनजर 170 नेशनल मोबाइल मेडिकल यूनिट परियोजना के संचालन को भी मंजूरी प्रदान कर दी है. प्रवक्ता ने बताया कि परियोजना का संचालन सार्वजनिक -निजी सहभागिता के आधार किया जायेगा। नेशनल मोबाइल मेडिकल यूनिट की प्रत्येक यूनिट में दो वाहन होंगे, जिनमें एक … एक चिकित्सीय कार्य के लिए तथा दूसरा स्टाफ के लिए होगा। हर यूनिट में एक डॉक्टर, फार्मासिस्ट, नर्स तथा लैब टेक्निशयन उपलब्ध होंगे.

बुनकरों को पेंशन

उन्होंने बताया कि इस परियोजना के माध्यम से प्राथमिक उपचार, छुआछूत से फैलने वाली एवं अन्य बीमारियों की स्क्रीनिंग, बुनियादी लैब परीक्षण एवं टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध होगी. शुरू में यह परियोजना 36 जिलों में लागू की जायेगी. मंत्रिपरिषद ने एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय में 60 वर्ष से अधिक आयु के बुनकरों को पांच सौ रुपये प्रतिमाह की दर से समाजवादी पेंशन योजना लागू करने को मंजूरी दे दी. इस योजना के लिए फिलहाल बजट में 30 करोड रुपये की व्यवस्था है और लाभार्थियों की संख्या के अनुसार इसमें यथोचित बढ़ोत्तरी की जायेगी.

वक्फ बोर्ड के कर्मचारी अब 60 में होंगे रिटायर

प्रवक्ता ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने वक्फ विकास निगम के कर्मचारियों की सेवानिवृति की आयु 58 से बढ़कर 60 वर्ष करने का फैसला किया है जिससे निगम पर लगभग 16 लाख रुपये का अतिरिक्त बोझ आयेगा और उसकी व्यवस्था निगम को खुद करनी होगी. मंत्रिपरिषद ने त्वरित आर्थिक विकास योजना के नियमों को शिथिल करते हुए सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के गांव के मास्टर प्लान में जल निकासी और सीवर प्रणाली के लिए लगभग 108 करोड रुपये की राशि मंजूर की है.

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