लखनऊ : बसपा मुखिया मायावती ने उत्तर प्रदेश के एटा व फर्रुखाबाद जिलों में जहरीली शराब पीने से 37 लोगों के मारे जाने की घटना को राज्य सरकार की आपराधिक लापरवाही व विफलता का परिणाम बताते हुए दोषी अधिकारियों के बर्खास्तगी की मांग की है. मायावती ने आज यहां जारी एक बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश में व्याप्त जंगलराज का ही परिणाम है कि जहरीली शराब का धंधा भी जोरों पर है और इससे गरीब घरों व कमजोर तबके के लोग इतनी बड़ी संख्या में मारे गये हैं.
सरकार ने की लीपापोती-मायावती
बसपा मुखिया ने इस मामले में दोषियों के खिलाफ अब तक की कार्रवाई को बहुत ही मामूली व दिखावटी बताते हुए कहा कि प्रदेश सरकार को संबंधित अधिकारियों को निलंबित करने की बजाय नौकरी से बर्खास्त करके जेल भेजना चाहिए. मायावती ने कहा कि सपा सरकार का रवैया ना केवल प्रथम दृष्टया दोषी अधिकारियों के प्रति नरम है बल्कि अवैध, नकली व जहरीली शराब के धंधे में लगे लोगों को बचाने वाला है.
बीजेपी का सपा सरकार पर हमला
उन्होंने कहा कि जो लोग मारे गये है वे ज्यादातर गरीब परिवार व कमजोर तबके के है व अपने परिवार की देखभाल किया करते थे. ऐसे परिवारों की आर्थिक सहायता में सरकार को कंजूसी नहीं करनी चाहिए तथा उन्हें समुचित आर्थिक सहायता देनी चाहिए. इस बीच एटा से मिली एक खबर में बताया गया है कि भाजपा सांसदों रामशंकर कठेरिया और राजवीर सिंह ने कहा है कि वे इस मामले को कल लोकसभा में उठायेंगे.
लोकसभा में उठेगा मामला
कठेरिया ने कहा कि यह मामला कल लोकसभा में भी उठाया जायेगा…हम संसद के नजदीक गांधी प्रतिमा पर धरना भी देंगे. उन्होंने कहा कि अवैध शराब के कारोबारियों को सत्तारूढ़ दल के लोगों का संरक्षण प्राप्त है और यहीं वजह है कि इतने लोगों की मौत हो जाने के बाद भी सिर्फ एक शराब विक्रेता को गिरफ्तार और कुछ अधिकारियों, कर्मचारियों को निलंबित करके सरकार ने अपनी जिम्मेदारी पूरी कर दी है. असली अपराधी आजाद घूम रहे हैं.
कांग्रेस ने भी सपा पर साधा निशाना
कांग्रेस पार्टी के भी एक प्रतिनिधि मंडल ने भी आज एटा में जहरीली शराब पीने से मरने वालों के परिजनों से मुलाकात की. प्रदेश कांग्रेस अनुशासन समिति के अध्यक्ष रामकृष्ण द्विवेदी ने बताया कि पीडितों को न्याय दिलाने और मरने वालों के परिवारों को कम से कम दस-दस लाख मुआवजा दिलवाने के लिए पार्टी कार्यकर्ता प्रदर्शन करेंगे.