लखनऊ / आगरा : अभद्र टिप्पणी मामले में विवादों में आये बसपा नेता और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी के काफिले पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया. जानकारी के मुताबिक नसीमुद्दीन के काफिले पर पत्थर और डंडों से उस वक्त हमला किया गया जब उनका काफिला गुजर रहा था. वहां खड़े विरोध करने वालों ने नसीमुद्दीन को काले झंडे भी दिखाये और काफिले में बाधा डालने की कोशिश की. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दर्जनों की संख्या में अचानक आये लोगों ने नसीमुद्दीन के काफिले पर हमला कर दिया.
काफिले की गाड़ियों को पहुंचा नुकसान
बताया जा रहा है कि काफिले पर हमला करने वाले सभी लोग दयाशंकर की पत्नी स्वाति सिंह के समर्थन में थे और वह भारी संख्या में उस रास्ते पर आकर खड़े हो गये थे. जिस रास्ते से नसीमुद्दीन का काफिला गुजरने वाला था. स्थानीय लोगों की माने तो जब नसीमुद्दीन का काफिले उस रास्ते से होकर गुजरने लगा तो स्वाति के समर्थक उग्र हो गये और जमकर पत्थरबाजी शुरू कर दी. मौके पर मौजूद पुलिस की मुस्तैदी की वजह से बसपा के राष्ट्रीय महासचिव का काफिल वहां से निकल पाया.
शुरू में कुछ नहीं समझ पायी पुलिस
घटना के बाद बसपा नेता की ओर से मीडिया को बयान जारी कर कहा है गया है कि पुलिस ने मामले में लापरवाही की. जब काफिले पर हमला हुआ उस वक्त पुलिस वाले खड़ा होकर तमाशा देख रहे थे. वहीं पुलिस सूत्रों की माने तो पुलिस पहले समझ ही नहीं पायी कि नसीमुद्दीन पर हमला हो सकता है. हालांकि पुलिस ने आनन-फानन में आठ लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.
स्वाति के समर्थकों ने किया हमला
वहीं दूसरी ओर नसीमुद्दीन के काफिले पर हमला करने वाले लोगों की ओर से मीडिया को बयान दिया गया है कि क्षत्रिय समाज के लोगों ने विरोध किया है. हमला करने वालों के मुताबिक उनका कहना है कि वे लोग सरकार और प्रशासन को बताना चाहते हैं कि नसीमुद्दीन ने शब्द बोले हैं वैसे शब्द दुश्मन के लिये भी प्रयोग नहीं किये जाते हैं. हमलावरों का कहना है कि क्षत्रिय समाज इसका विरोध करता है और करता रहेगा.