मुख्यमंत्री के प्रति व्यक्तिगत द्वेष भाव रखती हैं मायावती : सपा

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी ने बसपा मुखिया मायावती पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनकी सरकार से व्यक्तिगत द्वेषभाव रखने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांगने वाली बसपा अध्यक्ष को पहले अपने कार्यकाल में हुए काले-कारनामों को याद करना चाहिए. सपा के प्रदेश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 1, 2016 8:12 PM

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी ने बसपा मुखिया मायावती पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनकी सरकार से व्यक्तिगत द्वेषभाव रखने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांगने वाली बसपा अध्यक्ष को पहले अपने कार्यकाल में हुए काले-कारनामों को याद करना चाहिए. सपा के प्रदेश प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री राजेंद्र चौधरी ने यहां कहा कि बसपा प्रमुख को सतही राजनीति करने की आदत सी हो गयी है.

सरकार ने की तत्काल कार्रवाई-सपा

मायावती ने बुलन्दशहर में शुक्रवार रात राष्ट्रीय राजमार्ग के पास मां-बेटी से कथित सामूहिक बलात्कार और लूट की अत्यन्त दुखद घटना पर जताने के बजाय राजनीतिक मर्यादा को परे रखकर राज्य सरकार को कोसना शुरू कर दिया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस घटना का तत्काल संज्ञान लेकर कडी कार्यवाही के आदेश दिए उसके फलस्वरूप अपराधी पकड़े जा रहे हैं और लापरवाह पुलिस अधिकारी दंडित किये गये, मगर बसपा अध्यक्ष को तो सिर्फ राज्य सरकार का इस्तीफा और राष्ट्रपति शासन चाहिए.

व्यक्तिगत द्वेष रखती हैं मायावती-सपा

चौधरी ने आरोप लगाया कि ऐसा लगता है कि बसपा अध्यक्ष समाजवादी सरकार और मुख्यमंत्री अखिलेश के प्रति व्यक्तिगत द्वेषभाव रखती हैं. तभी वे हर छोटी-बड़ी घटना पर सीधे उन्हें ही इंगित करती है. ऐसा करते हुए उन्हें अपने शासनकाल के उन दिनों को याद करना चाहिये जब थानों तक में बलात्कार होते थे और जेल में बन्द उप मुख्य चिकित्साधिकारी की हत्या हुई थी. इन सबमें उनके ही दल के विधायक और मंत्री शामिल होते थे.

अनर्गल बयानबाजी ठीक नहीं-सपा

उन्होंने कहा कि विपक्ष को सरकार की आलोचना करने का हक है लेकिन अधिकार के साथ कर्तव्य को नहीं भुलाया जाना चाहिए. किसी घटना की संवेदनशील स्थिति और पीड़ित परिवारों की पीड़ा को भूलकर अनर्गल बयानबाजी करने के लिए प्रेस कांफ्रेंस बुला लेना कोई नैतिकता नहीं है. मालूम हो कि मायावती ने बुलंदशहर की वारदात की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री से नैतिकता के आधार पर इस्तीफे की मांग की थी.

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