लखनऊ : उत्तर प्रदेश के बुलन्दशहर में मां-बेटी से सामूहिक बलात्कार के मामले में गिरफ्तार किये गये तीन अभियुक्तों को आज 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. पुलिस महानिरीक्षक कानून-व्यवस्था हरेराम शर्मा ने यहां संवाददाताओं को बताया कि बुलन्दशहर सामूहिक बलात्कार काण्ड मामले में गिरफ्तार किये गये नरेश 25 वर्ष, बबलू, 22वर्ष तथा रईस, 28वर्ष को स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी सुनवाई
उन्होंने बताया कि इस मामले के जल्द निपटारे के लिये उसकी सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालत में कराने की गुजारिश की जायेगी. पकड़े गये लोगों के पास से लूटे गये जेवरात तथा 5500 रुपये नकद बरामद किये गये हैं. शर्मा ने बताया कि इस कांड में आठ और संदिग्ध अभियुक्तों के नाम सामने आये हैं और उनकी गिरफ्तारी के लिये आठ टीमें गठित की गयी हैं. इस बीच, सरकार ने बुलंदशहर में मां-बेटी से सामूहिक बलात्कार की वारदात के बाद निलंबित किये गये वैभव कृष्ण के स्थान पर आज अनीस अहमद अंसारी को जिले का नया वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बनाया है.
गतशुक्रवार को दिया था घटना को अंजाम
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि 34वीं वाहिनी पीएसी के सेनानायक के पद पर तैनात रहे अंसारी को बुलंदशहर का पुलिस कप्तान बनाया गया है. इसके अलावा सामूहिक बलात्कार के मामले को लेकर ही निलंबित किये गये बुलन्दशहर के अपर पुलिस अधीक्षक राम मोहन सिंह के स्थान पर मान सिंह को तैनाती दी गयी है. मालूम हो कि बुलंदशहर में गत शुक्रवार की रात बावरिया गिरोह के सदस्यों ने नोएडा से शाहजहांपुर जा रहे एक कार सवार परिवार को देहात कोतवाली क्षेत्र में रोका और एक महिला तथा उसकी 13 वर्षीय बेटी को घसीटकर पास के खेत में ले गये और उनसे सामूहिक दरिंदगी की जबकि पुरुषों को रस्सी से बांध दिया. बाद में लुटेरों ने बंधक बनाये गये परिवार से नकदी, गहने और मोबाइल फोन भी लूट लिये थे.
सीएम ने तुरंत की थी कार्रवाई
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस वारदात को बेहद गम्भीरता से लेते हुए गृह विभाग के प्रमुख सचिव देवाशीष पण्डा और पुलिस महानिदेशक जावीद अहमद को मौके पर भेजकर पुलिस को मामले के खुलासे के लिये 24 घंटे की मोहलत दी थी और लापरवाही के आरोप में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण, अपर पुलिस अधीक्षक राम मोहन सिंह समेत सात पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था. इस मामले को लेकर विपक्ष के निशाने पर आयी राज्य की अखिलेश यादव सरकार को राज्यपाल राम नाईक ने भी नसीहत देते हुए कहा कि ऐसी वारदात रोकने के लिये पुलिस और सरकार को अपना कर्तव्य निभाना होगा.