बुलंदशहर : हाईवे पर गैगरेप की शिकार हुई नाबालिग बेटी के पिता एक टीवी चैनल से बात करते हुए रो पड़े और कहा कि वो घटना मेरे आंखों से सामने तैर रहा है. जी चाहता है कि जहर खाकर आत्महत्या कर लूं. पिता ने कहा, ‘मुझे गुस्सा आता है, ऐसा लगता है जैसे जहर खाकर मर जाऊं.’ उन्होंने कहा, ‘महिलाओं को कपड़े उतराकर तलाशी ली गई. उसके बाद उन्होंने बहुत घिनौनी हरकत की. मैंने उनसे कहा कि पैसे ले लो, लेकिन महिलाओं को छोड़ दो, पर उन्होंने एक भी नहीं सुनी.’ अपनी बेटी की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि मेरी बेटी मार्शल आर्ट की चैंपियन है और वह उन दरिंदों से आधे घंटे तक लड़ती रही. मेरी बेटी ने कभी रिंग में हार नहीं मानी. लेकिन दरिंदगी के आगे वह हार गई.
उन्होंने बताया कि बदमाश ने जब उसे पकड़ा तो उसने पूरा विरोध किया लेकिन उसके साथियों ने उनके और पत्नी की कनपटी पर तमंचा रख दिया. बेटी को धमकाया, अगर विरोध किया तो मां-बाप जान से जाएंगे. पिता ने बताया कि बेटी ने उनकी जान के लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया. जो बेटी दिनभर हंसाती थी, वह गहरे सदमे में हैं और कुछ बोल तक नहीं रही.
पुलिस नहीं सुलक्ष पा रही गुत्थी
हाईवे पर हुए इस घटना के बाद सरकार ने कार्रवाई करते हुए भले ही पूरे थाने और एसएसपी को सस्पेंड कर दिया हो, लेकिन फिर भी पुलिस इस गुत्थी को सुलक्षा नहीं पा रही है. पकड़े गये आरोपियों का क्राइम हिस्ट्री खोजनें में भी पुलिस नाकाम रही. जिन तीन लोगों को आनन-फानन में जेल भेजा गया, पुलिस उन्हें भी मीडिया के सामने लाने से कतराती दिखी. सरकार ने 2008 बैच के आईपीएस अफसर अनीस अंसारी को बुलंदशहर का नया एसएसपी बनाया है, जबकि एसपी सिटी राममोहन सिंह की जगह मान सिंह चौहान और सीओ के रूप में विभा सिंह को तैनात किया है. पुलिस तीनों आरोपियों का आपस में कनेक्शन और उनका बावरिया गिरोह से संबंध जोड़ने में भी नाकाम रही है. तीनों आरोपी अलग-अलग जिले के हैं. पहला आरोपी जबर सिंह, नोएडा का निवासी है. दूसरा आरोपी रईस, बुलंदशहर का निवासी है और तीसरा आरोपी साबिज, हापुड़ का निवासी है. पुलिस पर राजनीतिक दबाव में काम करने का आरोप भी लग रहा है.
सरकारी अस्पताल के डाक्टरों ने भी किया अमानवीय व्यवहार
गैंगरेप के बाद नाबालिग बेटी और मां से अस्पताल में डाक्टरों द्वारा मानवीय व्यवहार नहीं किया गया. पीड़ित परिवार ने इसकी शिकायत राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य से की. महिला आयोग की सदस्य ने बताया कि संबंधित डॉक्टर को नोटिस भेजा जाएगा. महिला आयोग की सदस्य रेखा शर्मा ने पीडि़त परिवार से मुलाकात के बाद कहा कि जिस अस्पताल में पीड़ित मां और बेटी का चिकित्सीय परीक्षण पुलिस ने कराया था, उस अस्पताल की डाक्टर ने पीड़ित नाबालिग लड़की और उसकी मां से अमानवीय व्यवहार किया. डॉक्टर का व्यवहार बेहद निराशा पहुंचाने वाला है इसीलिए आयोग की ओर से डॉक्टर को नोटिस भेजा जाएगा.
डीआईजी ने कहा कि पुलिस अभी और जांच में जुटी है
बुलंदशहर की घटना के बाद मानसिंह चौहान को सिटी एसपी बना दिया गया है. उन्होंने आज पदभार ग्रहण कर लिया है. उन्होंने कहा कि अपराधियों को छोड़ा नहीं जायेगा. वहीं डीजीपी ने कहा कि मामले की जांच अभी भी चल रही है. जो भी इस घटना में शामिल होगा पुलिस उसे पकड़ेगी और सजा दिलवायेगी. पुलिस इस मामले में किसी भी प्रकार की कोताही नहीं कर रही है. दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने मीडिया पर आरोप लगाया है कि वह यूपी सरकार के साथ पक्षपात कर रही है. भाजपा की ओर से केशव मौर्य ने कहा कि सीएम अखिलेश यादव एक जिले को भले ही संभाल लें, लेकिन एक राज्य को नहीं संभाल सकते. यूपी बीजेपी के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य पार्टी के दल के साथ बुलंदशहर रेप केस के पीड़ितों से मिलने भी पहुंचे.
केंद्र ने उत्तर प्रदेश सरकार से मांगी रिपोर्ट
केंद्र ने बुलंदशहर सामूहिक बलात्कार पर उत्तर प्रदेश सरकार से रिपोर्ट मांगी है. अपने पत्र में गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से इस घटना का ब्योरा मांगा है तथा इसमें शामिल व्यक्तियों को पकडने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में पूछा है. सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार को यथाशीघ्र रिपोर्ट देने को कहा गया है. उत्तर प्रदेश पुलिस ने तीन आरोपियों नरेश (25), बबलू (22) और रईस (28) को गिरफ्तार किया और एक दर्जन अन्य को हिरासत में लिया. उससे पहले पुलिस ने इन डकैतों के लिए सघन तलाशी अभियान चलाया जिन पर वारदात में शामिल होने का संदेह है. विपक्ष के निशाने पर आयी राज्य सरकार ने जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्णा समेत पांच अधिकारियों को निलंबित कर दिया है.
बुलंदशहर की घटना ‘हैरान करने वाली, निंदनीय’: पूनिया
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पीएल पूनिया और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने बुलंदशहर में एक महिला और उसकी बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासनिक कदम उठाने की मांग की. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूनिया ने संसद के बाहर कहा, ‘बुलंदशहर में जो हुआ है वह निश्चित तौर पर हैरान करने वाला और शर्मनाक है. यह हमारे समाज के लिए शर्म की बात है. राज्य सरकार ने कार्रवाई की और कुछ पुलिसर्मियों को निलंबित किया है. परंतु यह पर्याप्त नहीं है. कुछ ऐसी व्यवस्था बननी चाहिए ताकि इस तरह की घटनाएं आगे नहीं हों.’
स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा, ‘मुख्यमंत्री की नैतिक जिम्मेदारी बनती है. एक महिला के तौर पर मैं इस मुद्दे को उठाना चाहती हूं कि घटना के बाद कार्रवाई करना अलग चीज है लेकिन सवाल यह है कि यह घटना क्यों हुई.’ मिर्जापुर से सांसद अनुप्रिया ने कहा, ‘राज्य में अपराध बढ रहे हैं. सरकार इस बारे में कब सोचना शुरू करेगी?’