लखनऊ : भाजपा ने उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी जीत की संभावनाओं को और ताकत देने के लिए राज्य में चार ‘परिवर्तन यात्रा’ का आयोजन करेगी, जो कम से कम 100-100 विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरेगी. पार्टी के प्रदेश महासचिव विजय बहादुर पाठक ने आज यहां संवाददाताओं को बताया कि इन यात्राओं का आयोजन स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देश भर में होने वाली ‘तिरंगा यात्रा’ के बाद होगा.
9 अगस्त से निकलेगी तिरंगा यात्रा
पाठक ने बताया, तिरंगा यात्रा 9 अगस्त से 14 अगस्त और फिर 16 अगस्त से 22 अगस्त तक दो चरणों में आयोजित की जा रही है. इन यात्राओं में पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी मंत्री और केंद्रीय मंत्री भी भाग लेंगे. इसी क्रम में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 13 अगस्त को काकोरी में इस यात्रा में शामिल होंगे. उन्होंने बताया कि तिरंगा यात्रा में उत्तर प्रदेश के विभिन्न भागों में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा नितिन गड़करी, उमा भारती, रामविलास पासवान, जेपी नड्डा, नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रकाश जावडेकर और किरन रिजिजू भी शामिल होंगे.
बूथ स्तर के कार्यकर्ता लेंगे भाग
पाठक ने बताया कि तिरंगा यात्रा के बाद प्रदेश में चार परिवर्तन यात्राएं निकाली जायेंगी, जिनमें बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं की भागीदारी होगी। हालांकि इन यात्राओं की तारीख तथा स्थान के बारे में कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. यह जरूर है कि यह यात्राएं कम से कम 100-100 विधानसभा क्षेत्रों में पहुंचेगी और इस तरह प्रदेश की सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरेगी. भाजपा प्रदेश महासचिव ने यह भी बताया कि 11 अगस्त को बुलंदशहर बलात्कार काण्ड के विरोध में पार्टी कार्यकर्ता मां बेटी के सम्मान में, भाजपा मैदान में नारे के साथ पूरे प्रदेश में जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करेगी.
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से पूछा जायेगा प्रश्न
प्रदेश के विकास कार्यों में सहयोग करने के आग्रह के साथ मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की तरफ से सांसदों को लिखे गये एक पत्र के सिलसिले में पाठक ने कहा कि मुख्यमंत्री को पहले यह बताना चाहिए कि विकास के मामले में सांसदों के विभिन्न प्रस्ताव अब तक लंबित क्यों पड़े हैं. भाजपा नेता ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के सांसदों ने तमाम विकास प्रस्ताव राज्य सरकार के पास भेजे हैं, मगर अब तक उन पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है. तमाम प्रस्ताव मंजूरी की बाट जोह रहे हैं, मुख्यमंत्री को विलंब का कारण बताना चाहिए. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश से 80 लोकसभा सदस्यों में से 71 भाजपा के और दो उसके सहयोगी अपना दल के हैं.