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बुलंदशहर गैंग रेप मामले की जांच हाईकोर्ट ने सीबीआई को सौंपी

लखनऊ : बुलंदशहर में मां और बेटी के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले की सीबीआई जांच होगी. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी है. इस मामले की जांच की सीबीआई मांग कब से की जा रही थी. घटना 29 जुलाई की है. एक परिवार नोएडा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 12, 2016 3:47 PM

लखनऊ : बुलंदशहर में मां और बेटी के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले की सीबीआई जांच होगी. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी है. इस मामले की जांच की सीबीआई मांग कब से की जा रही थी. घटना 29 जुलाई की है. एक परिवार नोएडा से शाहजहांपुर जा रहा था एनएच-91 पर दोस्तपुर गांव के पास कुछ बदमाशों ने रास्ता रोक लिया. परिवार से पैसे, गहने जेवर लूटे गये और महिलाओं के साथ दुष्कर्म भी किया गया.

अखिलेश यादव ने कहा था, सीबीआई जांच से आपत्ति नहीं

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इस घटना पर कहा था कि अगर इसकी जांच सीबीआई से करायी जाए तो मुझे भी इसमें कोई आपत्ति नहीं है. इस मामले पर जिस तरह राजनीति की जा रही है वो ठीक नहीं है. यह घटना बेहद शर्मनाक है इसका राजनीतिक लाभ लेने के लिए इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए. भारतीय जनता पार्टी सहित कई विरोधी पार्टियां इस घटना की सीबीआई जांच की मांग कर रही थी. भारतीय जनता पार्टी ने बुलंदशहर की घटना को लेकर प्रदर्शन किया था और राज्य सरकार को हर मोरचे पर विफल बताया.
कानून व्यवस्था पर खड़े होते सवाल
उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े होते रहे हैं. एक के बाद एक कई ऐसी घटनाएं हुई जो राज्य की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाते हैं. गाजियाबाद में राजनाथ सिंह के करीब माने जाने वाले भाजपा नेता बृजपाल तेवतिया पर हुए हमले ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश में राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है.
भाजपा नेता पर हमला
तेवतिया पर एके-47 से हमला किया है. तेवतिया की स्कॉर्पियो पर हमलावरों ने 100 राउंड से अधिक गोलियां चलाईं. हमला उस दौरान हुआ, जब तेवतिया मुरादनगर से कविनगर अपने घर लौट रहे थे. गंभीर रूप से घायल तेवतिया को नोएडा के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है. भाजपा कह रही है सपा सरकार बनने के बाद से ही अपराध की घटनाओं में बढ़ोत्तरी हो गई. कोई भी सुरक्षित नहीं रह गया है. बसपा भी इन घटनाओं पर अखिलेश सरकार को घेर चुकी है.

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