यूपी : 23 अगस्त को 27 करोड़ छात्र-छात्राएं एक साथ गायेंगे राष्ट्रगान

गोरखपुर : केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने आज कहा कि आजादी के आंदोलन में अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले सभी लोगों के बारे में जानना नई पीढ़ी का फर्ज है और आगामी 23 अगस्त को देश के विभिन्न हिस्सों में जारी तिरंगा यात्रा के समापन पर देश के 27 करोड़ छात्र-छात्राएं एक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 16, 2016 8:07 PM

गोरखपुर : केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने आज कहा कि आजादी के आंदोलन में अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले सभी लोगों के बारे में जानना नई पीढ़ी का फर्ज है और आगामी 23 अगस्त को देश के विभिन्न हिस्सों में जारी तिरंगा यात्रा के समापन पर देश के 27 करोड़ छात्र-छात्राएं एक साथ राष्ट्र गान गाएंगे. जावडेकर ने ‘तिरंगा यात्रा’ के सिलसिले में गोरखपुर कारागार में आयोजित कार्यक्रम में राम प्रसाद बिस्मिल समेत तमाम शहीदों को याद करते हुए कहा कि बिस्मिल जैसे क्रांतिकारियों का योगदान अविस्मरणीय है. नई पौध को इससे शिक्षा लेनी चाहिए. आजादी की लडाई में जिन शहीदों ने अपने प्राणों की आहुति दी है, आज के युवाओं की जिम्मेदारी है कि उनके बारे में जानें और उनके बताये रास्ते का देश के लिये अनुसरण करें.

27 करोड़ छात्र-छात्राएं एक साथ गाएंगे राष्ट्रगान

उन्होंने कहा कि हम तिरंगा यात्रा लेकर इसलिए निकले हैं ताकि आजादी के लिये कुरबानी देने वाली विभूतियों के योगदान के प्रति आम जनता खासकर नई पीढ़ी को जागरूक किया जाये. भारत के सभी वर्ग के लोगों ने इस लड़ाई में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है. इसे भी हमें हमेशा याद रखना चाहिए. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आगामी 23 अगस्त को जब तिरंगा यात्रा का समापन होगा, तो देश के लगभग 27 करोड़ छात्र-छात्राएं एक साथ राष्ट्रगान गाएंगे. मानव संसाधन विकास मंत्रालय की तरफ से यह कार्यक्रम रखा गया है.

आजादी के दिवानों को भुलाया नहीं जा सकता-प्रकाश

उन्होंने कहा कि काकोरी काण्ड को कभी भुलाया नहीं जा सकता है. बिस्मिल को मात्र 23 साल की उम्र में ही फांसी दे दी गयी. उन्होंने इतनी ढेर सारी किताबें लिखी, जिनकी उन्हें रायल्टी भी नहीं मिली. जावडेकर ने चौरी-चौरा आंदोलन में शहीद हुए लोगों के परिजन को भी सम्मानित किया. उन्होंने गोरखपुर जेल में बिस्मिल की बैरक भी देखी और जहां फांसी दी गयी थी उस स्थल को भी देखा.

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