नोएडा : पिछले हफ्ते कथित तौर पर आत्महत्या करने वाले एमिटी विधि स्कूल के 20 वर्षीय एक छात्र के परिवार के सदस्यों तथा मित्रों ने आज यहां कॉलेज के बाहर प्रदर्शन किया और अधिकारियों की तरफ से मामले में गड़बड़ी का आरोप लगाया. कॉलेज में बीए,एलएलबी के चौथे वर्ष के छात्र सुशांत रोहिला ने दक्षिणी दिल्ली के सरोजिनी नगर स्थित अपने घर में पिछले हफ्ते आत्महत्या कर ली थी. एमिटी यूनिवर्सिटी ने हालांकि रोहिला की मौत के मामले में अपनी किसी भूमिका से इनकार किया है और घटना पर दुख व्यक्त किया है.
कॉलेज प्रशासन दोषी-परिजन
मृतक राज्यसभा सचिवालय के संयुक्त सचिव स्तर के एक अधिकारी का बेटा था. उसे हाजिरी की कमी की वजह से मई में छठे सेमेस्टर की परीक्षा में बैठने से रोक दिया गया था. उसके परिवार के अनुसार सुशांत और 19 अन्य छात्र, जिन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी गई थी, से वायदा किया गया था कि उन्हें परीक्षा में बैठने दिया जाएगा और अगले सेमेस्टर में जाने दिया जाएगा.
मेरे भाई को परीक्षा देने से रोका गया-मृतक की बहन
मृतक की बहन महक रोहिला ने कहा कि कॉलेज अधिकारी अपनी बात से पलट गये और उसे परीक्षा के एक महीने बाद मेल भेजकर कहा कि हाजिरी की कमी की वजह से उसे परीक्षा की अनुमति नहीं दी गयी तथा उसे उसी सेमेस्टर में पुन: प्रवेश के लिए आवेदन करना चाहिए. तब से वह काफी तनाव में था. रोहिला के परिजन और मित्र आज स्कूल परिसर के बाहर एकत्र हुए और प्रदर्शन किया तथा घटना की जांच की मांग की. संपर्क किये जाने पर एमिटी के प्रवक्ता ने कहा कि एमिटी लॉ स्कूल दिल्ली गुरु गोविन्द सिंह आईपी यूनिवर्सिटी से संबद्ध है. छात्रों को उस यूनिवर्सिटी के फैसले के अनुसार परीक्षा देने से रोका गया था और एमिटी लॉ स्कूल की इसमें कोई भूमिका नहीं है.