अमित शाह ने दिया यूपी के सांसदों को ‘टास्क’, पूरा नहीं किया तो अगले चुनाव में नहीं मिलेगा टिकट

लखनऊ : भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व में पार्टी ने महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड और असम में फतह हासिल की है और अगला लक्ष्य है उत्तर प्रदेश. उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होना है, इस प्रदेश को अपने खाते में जोड़ने के लिए अमित शाह काफी गंभीर हैं. उनकी गंभीरता का अंदाजा इसी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 18, 2016 1:17 PM

लखनऊ : भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व में पार्टी ने महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड और असम में फतह हासिल की है और अगला लक्ष्य है उत्तर प्रदेश. उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होना है, इस प्रदेश को अपने खाते में जोड़ने के लिए अमित शाह काफी गंभीर हैं. उनकी गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने उत्तर प्रदेश के सांसदों को एक ‘टास्क’ दिया है. इस ‘टास्क’ के अनुसार हर सांसद को अपने इलाके के तीन विधानसभा क्षेत्रों में आगामी विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करनी होगी, जो सांसदविधानसभाकीतीनसीट परजीत दर्ज नहीं करवा पायेंगे, उन्हें वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया जायेगा. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अमित शाह ने यह ‘टास्क’ प्रदेश के सांसदों को एक सख्त हिदायत के साथ दी है.

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा के 71 सांसद हैं और अगर यह 71 सांसद तीन विधानसभा सीट पार्टी के लिए सुनिश्चित करते हैं, तो पार्टी के खाते में 213 विधानसभा सीट आ जायेगी जो बहुमत के आंकड़े से अधिक है. ऐसे में पार्टी के लिए प्रदेश में सरकार बनाना बहुत आसान हो जायेगा. ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश विधानसभा में कुल 403 सीट के लिए मतदान होता है, बहुमत के लिए किसी भी पार्टी को 203 सीट की जरूरत होती है.

एक संसदीय इलाके मेंऔसतनपांच विधानसभा सीट हैं, जिनमें तीन पर विजय प्राप्त करना एक सांसद का लक्ष्य इस बार के विधानसभा चुनाव में होगा. पार्टी सूत्रों का कहना है कि अमित शाह अपनी दूरदर्शिता का परिचय दे रहे हैं और सांसदों पर नकेल कस रहे हैं, ताकि आगामी लोकसभा चुनाव में उन्हें ‘एंटी इनकमबेंसी फैक्टर’ का सामना ना करना पड़े, जो अधिकतर मौकों पर पार्टी की हार का एक बड़ा कारण बनता है. तीन विधानसभा सीट पर जीत दर्ज करने लिए सांसदों को अपने इलाके पर ध्यान देना होगा, जिससे उनका अपना संसदीय क्षेत्र से संपर्क नहीं टूटेगा.आैर, विधानसभा में यह फार्मूला सफलतापूर्वक लागू होने पर 2019 में लोकसभा चुनाव की उनकी राह भी आसान कर देगा.

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