बरेली : मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के खिलाफ आज जारी एक फतवे में उसे इस्लाम से ‘खारिज’ करार दिया गया एवं इसमें उसे मुसलमान मानने और उसकी बातों को सुनने को नाजायज बताया गया है. बरेली की दरगाह आला हजरत से जुड़ी संस्था मंजर-ए-इस्लाम सौदागरान के मुफ्ती मुहम्मद सलीम बरेलवी ने जयपुर के रहने वाले मुहम्मद मोइनुद्दीन नामक व्यक्ति द्वारा पूछे गये सवाल के जवाब में कहा है कि आतंकवादी संगठन जमात-उद-दावा के सरगना और मुम्बई हमलों के मुख्य गुनहगार हाफिज सईद का इस्लाम से कोई ताल्लुक नहीं है.
इस्लाम से खारिज हुआ सईद
मोइनुद्दीन ने गत 12 अगस्त को सवाल पूछा था कि सईद अल्लाह और रसूल :मुहम्मद साहब: की शान में गुस्ताखी भरी पंक्तियों को सही ठहराते हुए उन्हें लिखने वालों को मुसलमान मानता है. साथ ही वह धर्म विरुद्ध दृष्टिकोण और विचारधारा का प्रचार करके लोगों को आतंकवादी घटनाएं करने के लिये उकसाता है. क्या ऐसे शख्स को मुसलमान कहा जाना चाहिए? मुफ्ती सलीम ने इस पर दिये गये फतवे में कहा कि अल्लाह और रसूल :मुहम्मद साहब: की शान में गुस्ताखी करने वालों से किसी भी तरह का ताल्लुक रखना नाजायज और हराम है, लिहाजा हाफिज सईद ऐसे लोगों से संबंध रखने की वजह से इस्लाम से खारिज हो चुका है. उसे मुसलमान मानना और उसकी बातों को सुनना भी नाजायज है.
सईद की बातों का नहीं सुनने का फरमान
फतवे के मुताबिक सईद आतंकवादी विचारधारा रखने वाला ऐसा व्यक्ति है जो अपनी हरकतों से पूरी दुनिया में इस्लाम और मुसलमानों को बदनाम तथा शर्मसार कर रहा है. ऐसे में हर मुसलमान के लिये जरूरी है कि उसकी बातों को ना सुने और खुद को उसकी विचारधारा से दूर रखे.