अखिलेश यादव से बंद कमरे में मिले शिवपाल यादव, मुस्कुराते हुए निकले बाहर
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में सत्तारुढ समाजवादी पार्टी में अंतर्कलह सार्वजनिक होने के बाद वरिष्ठ काबीना मंत्री शिवपाल यादव ने पहली बार आज मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से उनके आवास पर मुलाकात की. करीब डेढ़ घंटे तक हुई यह गुफ्तगू कौमी एकता दल का सपा में विलय रद्द होने समेत विभिन्न राजनीतिक और प्रशासनिक मुद्दों पर […]
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में सत्तारुढ समाजवादी पार्टी में अंतर्कलह सार्वजनिक होने के बाद वरिष्ठ काबीना मंत्री शिवपाल यादव ने पहली बार आज मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से उनके आवास पर मुलाकात की. करीब डेढ़ घंटे तक हुई यह गुफ्तगू कौमी एकता दल का सपा में विलय रद्द होने समेत विभिन्न राजनीतिक और प्रशासनिक मुद्दों पर चाचा-भतीजे :शिवपाल और अखिलेश: के बीच मतभेद की खबरों और उस पर विपक्ष की तल्ख टिप्पणियों के मद्देनजर काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है. शिवपाल परसों हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में शामिल नहीं हुए थे, जिससे उनके और मुख्यमंत्री के बीच मतभेद की खबरों को और हवा मिल गयी थी.
कोई अंतर्कलह नहीं-शिवपाल
हालांकि इस बैठक में किन विषयों पर चर्चा हुई, इस बारे में कुछ नहीं बताया गया लेकिन माना जा रहा है कि यह शिवपाल और अखिलेश के बीच मतभेदों को दूर करने की कोशिश के तहत हुआ है. बाद में, संवाददाताओं से बातचीत में शिवपाल ने कहा कि पार्टी और यादव परिवार में कहीं कोई मतभेद या अंतर्कलह नहीं है. उन्होंने कहा कि अंतर्कलह हमें तो नहीं दिखायी दी. हम तो आज ही डेढ़ घंटे बैठे हैं. पूरा परिवार कल भी साथ था, आज भी रहा. कल हम नहीं थे, तो आज हम बैठ लिये. सरकार में वह मुख्यमंत्री हैं और हम मंत्री हैं. हम दोनों की सामूहिक जिम्मेदारी है. अखिलेश सरकार के कामकाज की तारीफ करते हुए शिवपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जनधन योजना के तहत खाते जरुर खुलवा दिये लेकिन उसमें एक भी पैसा नहीं डाला.
बड़ी बहुमत से बनेगी सरकार-शिवपाल
उन्होंने कहा कि अखिलेश ने अच्छा फैसला करते हुए समाजवादी पेंशन योजना के तहत 500 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से उन गरीबों के खाते में डलवा दिये. अखिलेश ने अच्छे काम किये हैं. हम इसके बल पर 2017 में इससे भी बड़ी बहुमत की सरकार बनायेंगे. जमीनों पर अवैध कब्जे तथा उसके जिम्मेदार अधिकारियों तथा कर्मचारियों पर कार्रवाई नहीं होने से व्यथित होकर हाल में इस्तीफे की बात करने वाले शिवपाल ने एक सवाल पर कहा कि जहां तक कब्जे का मामला है तो अधिकारियों ने लापरवाही जरुर की है. उन्होंने कहा कि सपा के ही कुछ लोग अपने रुतबे का दुरुपयोग करते हैं. अगर पार्टी के ही लोग गड़बड़ी करेंगे तो इससे नुकसान तो पार्टी का ही होगा. इन मामलों पर अगर कार्रवाई नहीं हो तो तकलीफ होती है. जहां कहीं कब्जा होता है, तो मेरी भी जिम्मेदारी है. हमने जिलाधिकारियों को गड़बड़ी करने वाले लेखापालों और तहसीलदारों पर कार्रवाई करने को कहा है लेकिन अगर जिलाधिकारी कोई कार्रवाई नहीं करते हैंं, तो यह अच्छी बात नहीं है.
विलय का मामला मुलायम सिंह यादव के पास-शिवपाल
लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि थानों और तहसील दफ्तरों में दलाल नहीं बैठने चाहिए, अगर दलाल सपा से जुड़ा है तो उसके खिलाफ पहले कार्रवाई होनी चाहिए. मेरी राय है कि उसे पार्टी से फौरन हटा दिया जाना चाहिए. कौमी एकता दल के सपा में विलय को बहाल किये जाने के बारे में पूछे गये सवाल पर उन्होंने कहा कि इस मामले में सर्वाधिकार मुलायम सिंह यादव को है. नेताजी जो कहेेंगे, हमें मान्य होगा. उनका संकेत हमारे लिये हुक्म है. हमारे खिलाफ अगर साजिश हो रही है तो उसे नेताजी दूर कर लेंगे. मालूम हो कि शिवपाल ने ही पिछली 21 जून को कौएद के सपा में विलय की औपचारिक घोषणा की थी. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसका विरोध किया था, जिसके बाद सपा संसदीय बोर्ड ने 25 जून को यह विलय रद्द कर दिया था.
मुलायम सिंह ने लगायी थी अखिलेश को फटकार
सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पार्टी प्रदेश कार्यालय में झंडारोहण कार्यक्रम के दौरान कहा था कि पार्टी के अंदर शिवपाल के खिलाफ साजिश हो रही है. वह अच्छा काम कर रहे हैं, इसलिये उन्हें निशाना बनाया जा रहा है. मुख्यमंत्री की मौजूदगी में उन्होंने कहा था कि शिवपाल अगर पार्टी से अलग हो गये तो सपा बिखर जाएगी और पार्टी के आधे लोग उनके साथ चले जाएंगे. मुलायम के इस बयान को लेकर विपक्ष ने भी खूब चुटकी ली थी. भाजपा ने जहां इसे चुनावी बेला में खेला जा रहा नाटक करार दिया था, वहीं बसपा मुखिया मायावती ने सपा की ‘अन्तर्कलह’ को राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था के लिये खतरा बताते हुए चुनाव आयोग से कहा था कि वह प्रदेश में जल्द चुनाव की तैयारी करे.