यूपी में अब भ्रष्टाचार का प्रभावी हल टेक्नोलॉजी से खोजा जायेगा, पढ़ें
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भ्रष्टाचार, सुशासन और पारदर्शिता से जुड़े सवालों का प्रभावी हल पाने के लिए राजकाज में प्रौद्योगिकी को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने की जरूरत पर बल दिया. अखिलेश ने आज उत्तर प्रदेश विधानसभा की अब तक की सभी कार्यवाहियों के डिजिटलीकरण का शुभारंभ करते हुए कहा […]
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भ्रष्टाचार, सुशासन और पारदर्शिता से जुड़े सवालों का प्रभावी हल पाने के लिए राजकाज में प्रौद्योगिकी को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने की जरूरत पर बल दिया. अखिलेश ने आज उत्तर प्रदेश विधानसभा की अब तक की सभी कार्यवाहियों के डिजिटलीकरण का शुभारंभ करते हुए कहा कि करप्शन, गवर्नेन्स और ट्रांसपैरेंसी :भ्रष्टाचार, सुशासन और पारदर्शिता: से जुड़े सवालों के समाधान का रास्ता टेक्नोलॉजी के जरिये निकाला जा सकता है. उन्होंने कहा कि डिजिटलीकरण के बाद विधानसभा की सारी कार्यवाही इंटरनेट पर उपब्ध करा दी जायेगी और आम जनता को भी सदन में बहसों और चर्चाओं की जानकारी मिल पायेगी.
यूपी सरकार तमाम कामों में आगे-सीएम
अखिलेश ने कहा कि इससे राजनीति से जुड़े लोगों, पत्रकारों और शोधकर्ताओं को खासी मदद मिलेगी. मुख्यमंत्री ने मीडिया के सहयोग की भी अपील की और कहा कि उत्तर प्रदेश तमाम कामों में बहुत आगे है. पत्रकार साथी इसमें सहयोग करें कि प्रदेश के बारे में ‘परसेप्शन’ बदले. इस मौके पर हुए प्रस्तुतिकरण में विधानसभा की हाल की ही कार्यवाही का वीडियो दिखाया गया जिसमें बसपा छोडकर हाल ही में भाजपा में शामिल हुए स्वामीप्रसाद मौर्य को तब प्रतिपक्ष के नेता के रूप भाषण दे रहे हैं.
विधानसभा का कार्यवाही का भी डिजिटीकरण
अपने संबोधन में संसदीय कार्य मंत्री आजम खां ने तंज के लहजे में कहा कि अब जनता को सही जानकारी मिल पायेगी कि कैसे लोग धर्मनिरपेक्षता से हटकर ऐसे दल में चले जाते हैं जो देश में बहुत अच्छा माहौल नहीं चाहते. विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय ने बताया कि पहले चरण में सदन की पिछले 25 साल की कार्यवाहियों की डिजिटलीकरण किया जायेगा और दूसरे चरण में 1952 में गठित हुई पहली विधानसभा और उसके बाद की. विधानसभा की समस्त कार्यवाहियों के डिजिटीकरण का यह ऐतिहासिक काम ‘परसिस्टेंट सिस्टम्स लि. और सेमैंटिकबिट्स’ नाम की कंपनियों को सौंपा गया है.