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उत्तर प्रदेश में बाढ़ से बिगड़े हालात : राहत एवं बचाव में तेजी के निर्देश

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में गंगा और यमुना समेत कई नदियों की बाढ से उपजे हालात और दुश्वार हो गये हैं. सूबे के सिंचाई मंत्री शिवपाल यादव ने अधिकारियों को बचाव एवं राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिये हैं. राहत आयुक्त कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक गंगा नदी की बाढ़ से इलाहाबाद, […]

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में गंगा और यमुना समेत कई नदियों की बाढ से उपजे हालात और दुश्वार हो गये हैं. सूबे के सिंचाई मंत्री शिवपाल यादव ने अधिकारियों को बचाव एवं राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिये हैं. राहत आयुक्त कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक गंगा नदी की बाढ़ से इलाहाबाद, मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर और बलिया के कुल 950 से ज्यादा गांवों की साढे आठ लाख से ज्यादा की आबादी प्रभावित हुई है. अब तक 28 जिले बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं. बाढ़ में बचाव एवं राहत कार्य के लिये राष्ट्रीय आपदा राहत बल :एनडीआरएफ: की मदद ली जा रही है.

कैबिनेट मंत्री ने लिया जायजा

इस बीच, बलिया से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के सिंचाई मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने आज जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया और अधिकारियों के साथ बैठक करके राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की. यादव ने कहा कि बाढ़ राहत कार्यों में धन की कमी आडे नहीं आने दी जाएगी और इस काम में लापरवाही बरतने वाले अफसर बख्शे नहीं जायेंगे. उन्होंने स्वीकार किया कि वाराणसी, गाजीपुर और बलिया में बाढ़ की वजह से हालात बहुत खराब हो गये हैं. बलिया में ही दो लाख से ज्यादा की आबादी बाढ़ से प्रभावित है.

राहत बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश

उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित हर परिवार को एक साथ 15 दिन का राशन दिया जाएगा. ग्राम प्रधानों की जिम्मेदारी होगी कि उनके इलाके में कोई भी भूखा ना रहे. इलाहाबाद, मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर एवं बलिया में बाढ से निपटने के लिये अब तक 323 बाढ़ चौकियाँ, 142 राहत शिविर तथा 101 राहत वितरण केंद्रों की स्थापना की गयी है. बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत सामग्री बांटी गयी है. इलाहाबाद, मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर एवं बलिया में बाढ प्रभावित लोगों को चिकित्सा सहायता के लिये 284 चिकित्सा दल गठित करके 4443 लोगों का इलाज किया गया है.

कटाव का खतरा बढ़ा

इस बीच, केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक गंगा नदी फाफामउ :इलाहाबाद: छतनाग :इलाहाबाद:, मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर और बलिया में अब भी खतरे के निशान से उपर बह रही है. बलिया में तो इसका जलस्तर लाल चिह्न से पौने तीन मीटर से भी ज्यादा ऊपर पहुंच गया है. ज्यादातर स्थानों पर इसका जलस्तर घट रहा है, इससे बड़े पैमाने पर कटान का खतरा बढ़ गया है. इसके अलावा नरौरा :बुलन्दशहर:, फतेहगढ, अंकिनघाट :कानपुर देहात: तथा कानपुर में गंगा का जलस्तर लाल चिह्न के नजदीक पहुंच गया है.

खतरे के निशान से ऊपर नदियां

यमुना नदी का जलस्तर कालपी तथा बुंदेलखण्ड में आने वाले कालपी, हमीरपुर और चिल्लाघाट :बांदा: के साथ-साथ नैनी :इलाहाबाद: में भी खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है. इसके अलावा प्रयागघाट में यह नदी लाल चिह्न के नजदीक बह रही है. शारदा नदी का जलस्तर पलियाकलां :खीरी: में खतरे के निशान के ऊपर बना हुआ है. बघाघरा नदी एल्गिनब्रिज, अयोध्या तथा तुर्तीपार :बलिया: में लाल चिह्न के नजदीक बह रही है. इस बीच, आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में मानसून फिलहाल कमजोर हो चुका है और पिछले 24 घंटे के दौरान बागपत, मेरठ तथा मुजफ्फरनगर में एक-एक सेंटीमीटर वर्षा हुई.

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