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मुलायम परिवार से अमर सिंह ने सपा को जीत दिलाने के लिए निकाला ‘वाइ-टी” फार्मूला

कानपुर : समाजवादी पार्टी पर जातिवादी राजनीति करने के आरोपों को आज अमर सिंह ने न सिर्फ खारिज कर दिया, बल्कि संकेतों में समजावादी पार्टी को यूपी चुनाव में जीत दिलाने के लिए यादव-ठाकुर फार्मूला का इजाद कर दिया. अमरअच्छी तरह जानते हैं कि इस फार्मूले की सफलता पर ही समाजवादी पार्टी में उनकी दूसरीपारीअसरदार […]

कानपुर : समाजवादी पार्टी पर जातिवादी राजनीति करने के आरोपों को आज अमर सिंह ने न सिर्फ खारिज कर दिया, बल्कि संकेतों में समजावादी पार्टी को यूपी चुनाव में जीत दिलाने के लिए यादव-ठाकुर फार्मूला का इजाद कर दिया. अमरअच्छी तरह जानते हैं कि इस फार्मूले की सफलता पर ही समाजवादी पार्टी में उनकी दूसरीपारीअसरदार हो सकेगी. अमर सिंह ने आज कहा कि अगर सपा जातिवादी पार्टी होती तो आज पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव की तीन बहुएं ठाकुर जाति से न होतीं और यादव परिवार पर ठाकुर बहुओं का कब्जा न होता. उन्होंने कहा कि सपा के वरिष्ठ मंत्री शिवापाल यादव की बहू ठाकुर हैं और हमारे गृह जनपद आजमगढ़ की रहने वाली हैं. अमर ने कहा कि मुलायम सिंह की बहू व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव (कन्नौज सांसद)भी ठाकुर हैं. इसी तरह उनकी एक और बहू ठाकुर हैं. फिर समाजवादी पार्टी पर यादवों का समर्थन करने की बात कैसे कह सकते हैं. अमर सिंह ने यह बयान देकर भाजपा और बसपा से कड़ी टक्कर का सामना कर रही समाजवादी पार्टी की भावी राजनीति के लिए यादव-ठाकुर वोट बैंकों के गठजोड़ का फार्मूला दे दिया. मालूम हो कि यूपी में ठाकुर मजबूत वोट बैंक हैं और उनकी आबादी करीब नौ प्रतिशत के आसपास है. यह फार्मूला बिहार में लालू प्रसाद के यादव-मुसलिम फार्मूले की तरह ही है. वहीं, सपा पहले से ही मुसलिम वोटों पर अपने हक का दावा करती रही है.

अमर ने कहा कि हमारी पार्टी में सभी जातियों और धर्मो का बराबर सम्मान होता है. सपा सांसद अमर सिंह ने आज कानपुर में एक न्यूज चैनल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा ‘‘मैं ठाकुर हूं लेकिन यादव महासभा के सम्मेलन में भी जाता हूं और क्षत्रिय महासभा के सम्मेलन में भी जाता हूं. दोनों जगह सम्मानित भी होता हूं.

मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव भी क्षत्रिय समाज के सम्मेलन में भी जाते हैं. तो हम कहां से जातिवादी हो गये. हमारी पार्टी में सभी पार्टियों को बराबर सम्मान होता है. मुलायम सिंह के परिवार की तीन बहुएं ठाकुर समाज की हैं. ‘ उनसे कहा गया कि उनकी पार्टी में अपराधियों का बोलबाला है. इस पर अमर सिंह ने भाजपा का नाम लिये बिना कहा कि जो पार्टी भयमुक्त समाज की बात करती है वह पिछले चुनाव में डीपी यादव, रमाकांत यादव और तहसीलदार सिंह जैसे अपराधियों के बलबूते चुनाव लड़ी थी.

दूसरी पार्टियों के लिए धर्म व्यापार और राजनीति होगा लेकिन हमारे लिए धर्म आस्था का विषय है. हम हिंदू हैं, मुलायम सिंह और उनका परिवार हिंदू है लेकिन हम हिंदू धर्म का पालन करते हैं, उसकी राजनीति नहीं करते.इसी सत्र में उत्तर प्रदेश में जातिवाद विषय पर बोलते हुये कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि कांग्रेस कभी भी धर्म और जाति की राजनीति नहीं करती. कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया है तो वह इसलिए नहीं कि वह ब्राहमण समाज से आती हैं बल्कि उन्हें इसलिए उम्मीदवार बनाया गया है क्योंकि वह दिल्ली की 15 साल सफल मुख्यमंत्री रहीं.

उनके मुख्यमंत्री पद से हटते ही देखिए दिल्ली में क्या हो रहा है, वहां के मंत्री किन किन आरोपों में फंस रहे है जिनके बारे में बोलने में भी शर्म आती है. उन्होंने कहा ‘‘इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी लेकिन देश को कभी बंटने नहीं दिया. क्योंकि हमने कभी जाति और धर्म के नाम पर वोट नही मांगे बल्कि विकास के नाम पर वोट मांगे.’

इसी सत्र में भारतीय जनता पार्टी के नेता लाल जी टंडन ने कहा कि अगर जातिवाद पर राजनीति होती रही तो समाज में गिरावट आयेगी इसलिए हमारी पार्टी सबका साथ सबका विकास के मुददे पर चुनाव लड़ती है और उत्तर प्रदेश में भी हम विकास के मुददे पर राजनीति करेंगे. सबका साथ सबका विकास के नारे के साथ चुनाव लड़ने की बात कहते ही समाजवादी पार्टी के अमर सिंह और कांग्रेस पार्टी के प्रमोद तिवारी ने भारतीय जनता पार्टी का मजाक भी उड़ाया.

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