लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सरकारी अस्पतालों में इमरजेंसी चिकित्सा सुविधा को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने के निर्देश देते हुए आज कहा कि इस संबंध मे किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. मुख्यमंत्री का यह निर्देश मिर्जापुर में कल डॉक्टरों की कथित लापरवाही के कारण एक महिला और उसके गर्भस्थ शिशु की दर्दनाक मौत की पृष्ठभूमि में आया है. ऐसी की एक घटना कुछ दिन पहले कानपुर के हैलट अस्पताल में घटी थी, जब डाक्टरों की लापरवाही से एक मासूम बच्चे की जान चली गयी थी.
डॉक्टरों की उपस्थिति अनिवार्य
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि अखिलेश यादव ने इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों व स्टाफ की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित किये जाने पर बल देते हुए जीवन-रक्षक दवाइयों की उपलब्धता भी सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये, उन्होंने जिलाधिकारियों को अस्पतालों की इमरजेंसी चिकित्सा व्यवस्था की जांच के लिए औचक निरीक्षण करने को कहा है.
मुख्यमंत्री ने दिये जिलाधिकारियों को निर्देश
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को डेंगू रोग के उपचार के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी डेंगू के उपचार व बचाव के सम्बन्ध में कार्ययोजना तैयार कर सम्बन्धित जिलाधिकारी से अनुमोदित करवाएं और उसके अनुसार कार्रवाई सुनिश्चित करें. उन्होंने रोग से बचाव के सम्बन्ध में लोगों को जागरुक किए जाने पर बल देते हुए कहा कि सभी जिलाधिकारी अपने-अपने जिलों में डेंगू रोग के सम्बन्ध में विशेष जन-जागरण अभियान संचालित करें. प्रवक्ता के मुताबिक मुख्यमंत्री ने निर्देशों का कडाई से अनुपालन सुनिश्चित किए जाने की अपेक्षा करते हुए अधिकारियों को सचेत किया कि इस सम्बन्ध में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.